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पहलगाम आतंकी हमले का दर्दनाक मंजर गुजरात के ऋषि भट्ट के कैमरे में कैद हो गया। ऋषि उस दौरान बैसरन में जिपलाइन एडवेंचर का लुत्फ उठा रहे थे। इस बीच भट्ट ने दावा किया है कि जिपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार- अल्लाहु अकबर चिल्लाया जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। भट्ट ने कहा कि उन्होंने कई लोगों को गोली लगते देखा वह और उनका परिवार बड़ी मुश्किल से बचे।

श्रीनगर:- पहलगाम आतंकी हमले के छह दिन बाद अचानक एक वीडियो वायरल होने लगी। इस वीडियो में एक व्यक्ति जिपलाइन के जरिए मैदानी जगह से होकर गुजर रहा है (ऊपर की ओर) और नीचे मैदान में लोग भागते दौड़ते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में कुछ लोग अचानक नीचे गिरते हुए भी नजर आ रहे हैं।

राइड कर रहे पर्यटक का नाम ऋषि भट्ट है, जो अटैक वाले दिन जिपलाइन के जरिए अपनी सैर का वीडियो बना रहे थे और पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई। इस बीच गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले ऋषि भट्ट ने केबल ऑपरेटर पर आरोप भी लगाए हैं। ऋषि के मुताबिक, जिपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार- 'अल्लाहु अकबर" चिल्लाया, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई।

'मुझे जिपलाइन ऑपरेटर पर शक'

जिपलाइनिंग करते समय वीडियो रिकॉर्ड करने वाले भट्ट को सवारी का आनंद लेते देखा जा सकता है। इस बीच बैकग्राउंड में गोलियों की आवाजें भी सुनी जा सकती हैं। घटना के छह दिन बाद यह वीडियो वायरल हो रहा है।

अपने वायरल वीडियो के बारे में अहमदाबाद में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, भट्ट ने कहा कि उन्हें इस बारे में शक है कि कश्मीरी जिपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार- अल्लाहु अकबर' चिल्लाया और गोलीबारी शुरू हो गई। भट्ट ने कहा,

मेरे सामने 9 लोग जिपलाइन कर रहे थे, लेकिन ऑपरेटर ने एक शब्द भी नहीं बोला। जब मैं स्लाइड कर रहा था, तो उसने बात की और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। इसलिए, मुझे उस आदमी पर संदेह है। उसने तीन बार 'अल्लाहु अकबर' कहा और फिर गोलीबारी शुरू हो गई...वह एक आम कश्मीरी की तरह लग रहा था। जब मैं ज़िपलाइन कर रहा था, तब गोलीबारी शुरू हो गई... लगभग 20 सेकंड के बाद, मुझे एहसास हुआ कि यह एक आतंकवादी हमला था... और जमीन पर लोग मारे जा रहे थे और मैंने 5-6 लोगों को गोली लगते हुए भी देखा। उसके बाद, मैंने खुद को ज़िपलाइन से अलग किया और अपने परिवार के साथ भाग गया।

भट्ट ने उस हमले के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि,

मैंने अपनी बेल्ट खोली और नीचे कूद गया, अपनी पत्नी और बेटे को लेकर भागने लगा। हमने लोगों को एक जगह छिपे हुए देखा जो एक गड्ढे की तरह था, इसलिए आप वहां किसी को आसानी से नहीं देख सकते थे। हम भी वहीं छिपे थे।

कौन हैं ऋषि भट्ट

ऋषि भट्ट गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले हैं। 22 अप्रैल को वह अपने परिवार के साथ पहलगाम की बैसरन घाटी मे ही थी। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का पूरा आंखों देखा हाल बताया है। भट्ट ने दावा किया कि हमलावरों ने लोगों को उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाया। उन्होंने ने कहा कि मुझे पता चला कि हमसे आगे रहने वाले दो परिवारों के लोगों से उनका धर्म पूछा गया और मेरी पत्नी और बेटे के सामने उन्हें गोली मार दी गई। मेरी पत्नी और बेटा चिल्ला रहे थे।

भट्ट ने बताया कि गोलीबारी 8-10 मिनट तक चली और फिर कुछ देर रुकी, जिसके बाद गोलीबारी फिर से शुरू हो गई। फिर से गोलीबारी शुरू हुई और 4-5 लोगों को गोली लगी। उन्होंने कहा कि हमारे सामने 15-16 पर्यटकों को गोली मारी गई। भट्ट ने कहा, जब हम गेट पर पहुंचे तो हमने देखा कि स्थानीय लोग पहले ही जा चुके थे।

ऋषि भट्ट ने कहा कि सेना 20-25 मिनट के भीतर पहलगाम पहुंच गई थी। सेना ने 18-20 मिनट के भीतर सभी पर्यटकों को कवर दिया... सेना द्वारा कवर दिए जाने के बाद हम सुरक्षित महसूस कर रहे थे... मैं भारतीय सेना का आभारी हूं।

22 अप्रैल को हुआ था हमला

बता दें कि 22 अप्रैल को बैसरन घास के मैदान में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें हमलावरों ने पर्यटकों को को निशाना बनाया था। इस आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे

यह हमला साल 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था। पुलवामा अटैक में 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे।