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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती न पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली विभाजनकारी ताकतों की पहचान करने और उनसे सख्ती से निपटने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश भर में चल रही अशांति के कारण कश्मीरी छात्र डर में जी रहे हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

श्रीनगर। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर 'सांप्रदायिक नफरत' फैलाने वाली विभाजनकारी ताकतों की पहचान की जानी चाहिए और शांति एवं सद्भाव बनाए रखने के लिए उनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

गृहमंत्री अमित शाह से महबूबा मुफ्ती ने की ये मांग

जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश भर में चल रही अशांति के कारण कश्मीरी छात्र डर में जी रहे। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थानों ने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं और छात्रों को सामान्य स्थिति बहाल होने तक घर लौटने की सलाह दी है, जबकि अन्य ने अन्यथा निर्णय लिया है।

महबूबा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हस्तक्षेप करने और सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया, जब तक कि वे सुरक्षित रूप से घर नहीं लौट सकते।

'सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों देना चाहिए कड़ा संदेश'

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इसके अलावा, सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों को एक कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए। शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए ऐसी विभाजनकारी ताकतों की पहचान की जानी चाहिए और उनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

22 अप्रैल को पहलगाम रिसॉर्ट के बैसरन मैदान में आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। इस आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।

कश्मीरियों के उत्पीड़न पर CM उमर अब्दुल्ला क्या बोले?

बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा था कि उन राज्यों की सरकारों से संपर्क किया है, जहां पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों को कथित तौर पर परेशान किया जा रहा है।

 

उन्होंने इस दौरान देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अतिरिक्त सावधानी बरतने का अनुरोध किया था। यह कदम सोशल मीडिया पर कश्मीरियों को कथित तौर पर परेशान किए जाने के वीडियो के सामने आने के बाद उमर अब्दुल्ला ने उठाया था।