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पंचायत रोजगार सेवक छट्टू दास ने अपनी आय से 500 गुणा अधिक संपत्ति अर्जित की है। मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की संपत्ति बनाई। अब इस मामले में उप विकास आयुक्त ने कहा है कि पंचायत रोजगार सेवक के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सत्य पाए गए तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

भागलपुर। जगदीशपुर प्रखंड के सैनो पंचायत में पदस्थापित पंचायत रोजगार सेवक छट्टू दास ने अपनी आय से 500 गुणा संपत्ति अर्जित कर ली है। इशाकचक के संतोष कुमार ने इसको लेकर प्रधानमंत्री से लेकर जिलाधिकारी व उपविकास आयुक्त को आवेदन दिया है। आवेदन में कहा गया है कि मनरेगा योजना में अपने पिता के नाम पर फर्जी निशांत (निशान) ट्रेडर्स बना कर योजनाओं में कार्य कराया गया है।

पंचायत रोजगार सेवक सबौर प्रखंड का रहने वाला है। यह 2014 से पंचायत रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत है। पंचायत रोजगार सेवक की नौकरी करने के पहले सरपंच थे और इंदिरा आवास योजना की राशि से बने मकान में रहते थे। पंचायत रोजगार सेवक बनने के बाद अवैध कमाई कर एक एकड़ में तीन मंजिला मकान व 10 से अधिक जगहों पर कीमती जमीन खरीद ली है।

पांच स्कॉर्पियों का मालिक बन गया है। जगदीशपुर में पंचायत रोजगार सेवक जब गोराडीह में कार्यरत थे, तब अपने पिता के नाम पर वेंडर निशांत (निशान) ट्रेडर्स (सामग्री आपूर्तिकर्ता) बनाकर पहले अपने पदस्थापित पंचायतों से भुगतान प्राप्त कर सरकारी राशि का गबन करना शुरू कर दिया।

अपने सहकर्मी से अन्य पंचायतों का भी भुगतान करवाने लगे और लूट में शामिल कर लिया। साथ ही सरकार को जीएसटी व इनकम टैक्स का भुगतान भी नहीं किया। गोराडीह से स्थानांतरण होने के बाद पीरपैंती और वर्तमान में पदस्थापित जगदीशपुर में भी सरकारी राशि के लूट का सिलसिला जारी है।

सरकारी नियम-परिवार को ठेका देना बड़ा अपराध

बिहार सरकार की नियमावली के अनुसार कोई सरकारी सेवक स्वयं या अपने संबंधी के नाम पर किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन नहीं कर सकता है। किसी प्रकार का वित्तीय लाभ नहीं पहुंचाएगा। इस तरह का कृत्य वित्तीय अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। फर्म का मुख्य कार्य सीमेंट, छड़, गिट्टी आपूर्ति करना दिखाकर जीएसटी नंबर लिया गया है।

इनके द्वारा ईंट, बालू के साथ गिट्टी, मिट्टी व सीमेंट की आपूर्ति भी दिखाई गई है। गोराडीह, पीरपैंती व जगदीशपुर के 30 करोड़ की सामग्री की आपूर्ति का फर्जी बिल प्रस्तुत कर भुगतान लिया गया है। निशांत (निशान) ट्रेडर्स के खाते में यूपीआइ ट्रांजेक्शन अपने मोबाइल से ही करते हैं। पंचायत रोजगार सेवक ने अपने करीबी लेखापाल को 60 लाख, एक कार्यक्रम पदाधिकारी व उनकी पत्नी को 16 लाख बतौर नजराना दिया गया है।

पिता के फर्जी फर्म को किया 30 करोड़ भुगतान

पंचायत रोजगार सेवक ने गोराडीह, पीरपैंती व जगदीशपुर में 30 करोड़ का भुगतान अपने पिता के फर्जी फर्म में स्वयं के भुगतान आदेश पर किया है। जिस पंचायत में पदस्थापित थे, जिसका भुगतान पंचायत रोजगार सेवक के हस्ताक्षर व आदेश पर किया जाता, वहां का भुगतान फर्जी फर्म पर करा लिया। निशान ट्रेडर्स का खाता पंजाब नेशनल बैंक में है। खाता पिता के नाम पर है और मोबाइल नंबर पंचायत रोजगार सेवक का है।

आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला संज्ञान में आया है। पंचायत रोजगार सेवक के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सत्य पाए गए तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - प्रदीप कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त

पंचायत रोजगार सेवक ने कहा ग्राम पंचायत सैनो के पंचायत रोजगार सेवक छट्टु दास का कहना है कि मेरे उपर जो भी आरोप लगाया गया है, वह झूठा है। संतोष वह फरार चल रहा है। संतोष कुमार और भी लोगों को परेशान कर रहा है। कुछ पंचायत रोजगार सेवक भी मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं।