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समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल में अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए मैन ऑफ द मैच बने वैभव ने अपने समर्पण और संघर्ष की कहानी बयां की। कोच ब्रजेश झा के अनुसार वैभव की तकनीक और परिवार के त्याग ने उन्हें यह मुकाम दिलाया है। कम उम्र में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं जिससे पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।

समस्तीपुर। खौफ नहीं खाता, बस खेलता हूं... आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की ओर से मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार लेते समय जब वैभव ने हिन्दी में अपनी अभिव्यक्ति दी तो उसके अंदर का सूर्य धधकता हुआ दिख रहा था। उसकी इस अभिव्यक्ति के पीछे उसका संयम, समर्पण व परिवार का संघर्ष भी परिलक्षित हो रहा था।

पूरे खेल को अंत तक देखने वाले वैभव के कोच ब्रजेश झा बताते हैं कि उसकी धुआंधार बल्लेबाजी यह बताती है कि बाजू में दम से नहीं तकनीक से खेल खेला जाता है। उसके जैसे-जैसे छक्के बढ़े, उनकी दूरी भी बढ़ती रही। पहला छक्का 65 मीटर दूर गया तो 11वां 91 मीटर पर। हर छक्का पहले से अधिक दूर जाकर गिरा।

ब्रजेश बताते हैं कि सबसे कम उम्र में प्लयेर ऑफ द मैच पाने वाले खिलाड़ी का खिताब भी वैभव को ही मिला। बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर प्रखंड निवासी संजीव सूर्यवंशी के पुत्र वैभव ने जिला मुख्यालय स्थित पटेल मैदान से क्रिकेट का ककहरा सीखना शुरू किया।

क्रिकेट के प्रति लगन को देखते हुए पिता ने पटना के कोच मनीष ओझा की अकादमी में दाखिला दिलाया। आर्थिक तंगी के कारण पिता को जमीन भी बेचनी पड़ी। पिता को भी क्रिकेट का शौक था पर वो ज्यादा कुछ नहीं कर पाए, लेकिन पुत्र के लिए उन्होंने घर पर ही नेट प्रैक्टिस शुरू करवा दी।

तीन दिन पटना तो तीन दिन समस्तीपुर की एकेडमी में प्रैक्टिस। एक दिन घर पर ही नेट प्रैक्टिस। पिछले पांच वर्षों की कठिन साधना के बाद उसे यह मुकाम मिला। उसकी इस सफलता पर ताजपुर ही नहींं जिलेवासियों में हर्ष का माहौल है। सोमवार रात से ही रह-रहकर पटाखे फूट रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर भी बधाई देने का सिलसिला जारी है।

क्रिस गेल के बाद दूसरा खिलाड़ी बना वैभव

समस्तीपुर के क्रिकेटर वैभव ने आईपीएल इतिहास में क्रिस गेल के बाद दूसरा सबसे तेज शतक लगाने वाला बल्लेबाज बन गया है। आईपीएल खेलते हुए उन्होंने अपने तीसरे ही मैच में इस तरह का नायाब प्रदर्शन कर लोगों को अपना दीवाना बना लिया।

पटेल मैदान के आरंभिक कोच ब्रजेश झा बताते हैं कि आईपीएल में क्रिस गेल पहले तीस गेंद में शतक लगा चुके हैं। इसके बाद वैभव ही 35 गेंद में शतक लगाने वाला बल्लेबाज निकला।

बेटे की कामयाबी के लिए पिता बेच चुके हैं जमीन

वैभव के घर की माली हालत बहुत ठीक नहीं है। पिता संजीव सूर्यवंशी को भी क्रिकेट से शौक रहा है। बेटे की क्रिकेट की दीवानगी और उसे मुकाम दिलाने के लिए उन्होंने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

उसे क्रिकेट की विभिन्न अकादमी में प्रैक्टिस कराने और कभी पटना, कभी समस्तीपुर कभी दिल्ली तक की यात्रा और उसके फिजिकल फिटनेस और खान-पान के लिए उन्होंने ताजपुर गांधी चौक के पास की डेढ़ कट्ठे की जमीन तक बेच डाली।

बेटे के प्रदर्शन से अभिभूत है पूरा परिवार

अपने बेटे के प्रदर्शन से पूरा परिवार अभिभूत है। सुबह से ही उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। पिता संजीव सूर्यवंशी इस कामयाबी का सारा श्रेय राजस्थान रायल की टीम के प्रबंधन को दिया है। कहा है पिछले तीन-चार महीने से वैभव को राजस्थान में ही रखकर अच्छी प्रैक्टिस कराई।

उन्होंने उसके हेड कोच राहुल द्रविड़, बैटिंग कोच विक्रम भरूचा समेत टीम के अन्य सदस्य उसके खेल को अच्छा बना रहे थे। उसके खेल को सुधार रहे थे। इसी का परिणाम है कि उसने इतनी शानदार बैटिंग की। उन्होंने बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी आभार जताया जिन्होंने इतने कम उम्र में बिहार से खेलने का मौका दिया।

प्रतिदिन छह घंटे की प्रैक्टिस करता था

प्रतिदिन छह घंटे की प्रैक्टिस होती थी। कोच उससे प्रतिदिन कम से कम 600 बाल की प्रैक्टिस कराते थे। चार साल तक समस्तीपुर व पटना में प्रशिक्षण चला। खेल में बेटा आगे बढ़ सके इसलिए उसे मोबाइल से पूरी तरह से दूर रखा। गृहणी मां आरती ने कार्टून देखने की आदत छुड़ाई।

तीन भाईयों में मंझला वैभव की कामयाबी को देख छोटा भाई आर्शीवाद भी क्रिकेट खेल रहा है। बड़ा भाई उज्जवल घर पर ही पिता के काम में हाथ बंटाता है। दादी उषा सिंह भी फूले नहीं समा रही है। वो कहती हैं बचपन में वह काफी नटखट था लेकिन आज जो उसने कर दिखाया पूरा संसार उसपर गर्व कर रहा है।

अंडर 19 में लगाया था पहला शतक

वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल खेलने के पूर्व आस्ट्रेलिया के विरुद्ध अंडर 19 टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाकर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। वैभव की ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 105 रनों की पारी और आईपीएल में 35 गेंद पर शतकीय पारी के साथ ही उसके कुल शतकों की संख्या 51 हो गई।

इस उपलब्धि के पूर्व वैभव सबसे कम उम्र में रणजी ट्रॉफी खेलने के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को भी तोड़ चुका है। इसके पूर्व त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय अंडर 19 क्रिकेट में बांग्लादेश व इंग्लैंड के विरुद्ध भी खेलकर शानदार प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।

मॉडेस्टी इंटरनेशनल में है नाैंवी कक्षा का छात्र

वैभव ताजपुर के डॉ. मुक्तेश्वर सिन्हा मॉडेस्टी इंटरनेशल में नौंवी कक्षा का छात्र है। हाल में ही उसने आठवीं की कक्षा उत्तीर्ण की है। विद्यालय के निदेशक आदर्श कुमार उर्फ पिंटू बताते हैं कि उसने हमलोगों का सिर भी गर्व से ऊंचा कर दिया है।

विस्फोटक बल्लेबाज वैभव के इस शानदार उपलब्धि पर जिले में चहुंओर खुशी का माहौल है। स्थानीय क्रिकेट एकेडमी में पांच वर्षों तक प्रशिक्षण देने वाले कोच ब्रजेश झा के नेतृत्व में नवोदित खिलाड़ियों ने जमकर आतिशबाजी की।

एकेडमी के खिलाड़ियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने भी उसकी इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जतायी है।

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