
Himachal News: शिमला में बारिश के कहर से धंस रहीं सड़कें, यातायात बंद; खतरे की जद में कई घर, मौके पर पहुंचे विक्रमादित्य सिंह
हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर फिर से बरपने लगा है। भारी बारिश से लोगों की चैन की नींद उड़ गई है। बारिश के दौरान लोग चैन की नींद सो भी नहीं पा रहे। कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। सड़कें धंसने से यायायात मार्ग प्रभावित हो गया है। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शिमला। राजधानी शिमला में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण फिर से सड़कें धंसने का सिलसिला शुरू हो गया है। सड़कों के धंसने से कई घर भी खतरे की जद में आ गए हैं। बुधवार रात को हुई मूसलाधार बारिश से शहर में मच्छी वाली कोठी के समीप सड़क धंस गई। इससे यहां पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया।
इसके अलावा यहां पर 2 मंजिला भवन भी क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही 10 अन्य मकान खतरे की जद में आ गए हैं। भारी बारिश के कारण बिजली का एक खंबा सड़क पर लटक गया है। इससे यहां रह रहे लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है। आलम यह है कि रात को बारिश के दौरान चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। लोगों को डर सताता रहता हैं कि कब कहां पर जमीन धंस जाए
प्रशासन को दी घटना की जानकारी
बता दें कि मच्छी वाली कोठी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा का निजी आवास है। इसके आसपास करीब 10 घर हैं। यह सभी घर खतरे की जद में है। वहीं सड़क के ऊपरी तरह सेना का विश्राम गृह है। वहीं सड़क के निचले वाले मकान के मालिक संजय राय है। वह कलकत्ता में रहते हैं।
स्थानीय लोगों द्वारा इस घटना की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गई है। इस घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और बिजली प्रशासन हरकत में आ गया है। विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
मंत्री भी पहुंचे मौके पर
मच्छी वाली कोठी के समीप धंस रही सड़क का जायजा लेने के लिए लोकनिर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों ने शहरी विकास मंत्री के समक्ष अपनी समस्याएं रखी। वहीं नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से बातचीत की।
चक्कर में पहाड़ी धंसने से बंद रहा ट्रैफिक
शिमला के उपनगर चक्कर में बारिश के कारण पहाड़ी खिसक गई है। इसके कारण चक्कर से टूटू, समरहिल, जतोग ढांडा समेत निचले हिमाचल को जोड़ने वाली सड़क बंद रही। जबकि बालूगंज वाली सड़क पहले से ही भूस्खलन के कारण बंद है। ऐसे में यहां से ट्रैफिक पूरी तरह से बंद रहा है।
हालांकि बाद में भारी मशक्कत के बाद सड़क को वन वे कर दिया गया। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों को ऑफिस पहुंचने, बच्चों को स्कूल पहुंचने और मरीजों को अस्पताल पहुंचने में कठिनाइओं का सामना करना पड़ा।
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