
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद शरण ले चुके परिवारों से मुलाकात की। यह मुलाकात एक राहत शिविर में हुई। इसके बाद महिला आयोग की टीम शनिवार को मुर्शिदाबाद पहुंची। यहां हिंसा प्रभावित परिवारों से महिला आयोग की जांच समिति ने बातचीत की। राज्यपाल भी मुर्शिदाबाद पहुंच चुके हैं।
मालदा। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद शरण ले चुके परिवारों से मुलाकात की। यह मुलाकात एक राहत शिविर में हुई। इसके बाद महिला आयोग की टीम शनिवार को मुर्शिदाबाद पहुंची।
यहां हिंसा प्रभावित परिवारों से महिला आयोग की जांच समिति ने बातचीत की। उधर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी मुर्शिदाबाद पहुंच चुके हैं। वे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेंगे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे।
महिलाओं के प्रति हर किसी को संवेदनशील होना चाहिए
पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने कहा कि हर किसी को महिलाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। संवेदनशीलता ही महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित कर सकती है। इस तरह की स्थिति तब होती है जब संवेदनशीलता की कमी होती है।
महिला आयोग ने बनाई जांच समिति
इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को अंजाम दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में महिलाएं अब भी डर के साए में हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक जांच समिति का गठन किया है। आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस समिति का हिस्सा हैं। यह समिति तीन दिनों तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं के साथ हुए अत्याचारों की जांच करेगी।
राहत शिविर पहुंचे राज्यपाल
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को मालदा जिले में स्थित पार लालपुर में एक राहत शिविर का दौरा किया। यहां पीड़ितों से मुलाकात के दौरान उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मैंने इस शिविर में रह रहे परिवार से मुलाकात की। उनकी शिकायतें सुनीं।
उन्होंने मुझे अपनी मांगों के बारे में बताया। निश्चित तौर पर सक्रिय कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं ने बताया कि उन्हें धमकाया गया। बदमाश उनके घरों में घुस आए और मारपीट की। अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया।
भड़काऊ भाषण न देने का आदेश
इस बीच, गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय बल कुछ समय तक मुर्शिदाबाद में तैनात रहेंगे, ताकि कानून-व्यवस्था बहाल रह सके। अदालत पीड़ितों के पुनर्वास की निगरानी करेगी। हाई कोर्ट ने भाजपा, टीएमसी और अन्य के अधिकारियों को भड़काऊ भाषण न देने का भी आदेश दिया। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम ने भी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
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