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बिहार में दाखिल-खारिज के कई मामले पेंडिंग चल रहे हैं। इसको लेकर सख्ती बरती जा रही है। बिहार के करगहर में एक राजस्व कर्मचारी पर लगातार अनुपस्थित रहने का आरोप है। किसानों की शिकायतों के बाद सीओ ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कर्मचारी पर काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं।

करगहर:- एक सप्ताह से गायब अंचल के राजस्व कर्मचारी पर सीओ अजीत कुमार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

सीओ के अनुसार, कर्मचारी कंचन राम अक्सर गायब रहते हैं, सप्ताह में दो-तीन दिन ही आते हैं। इसके चलते संबंधित पंचायत के किसान काफी परेशान रहते हैं। प्रतिदिन किसान राजस्व कर्मचारी की अनुपस्थिति की शिकायत करते रहते हैं।

स्थानीय लोगों की मानें तो काम करने में राजस्व कर्मचारी का मन नहीं लगता है। कार्यालय का काम करने के लिए अपने स्तर से सहायक के रूप में दो लोगों को रखे हुए हैं, जो लोगों को परेशान करते हैं।

दाखिल खारिज करने में तीन से पांच हजार रुपये की मांग की जा रही है। नहीं देने पर कार्य को या तो लंबित कर दिया जाता है या उसे निरस्त कर दिया जाता है।

कोई लिखित शिकायत नहीं करता: सीओ

  • सीओ ने कहा कि पैसा लेने की शिकायत जरूर मिलती है, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं करता है। श्रीकृष्ण सिंह, राजवंश सिंह समेत कई किसानों ने बताया कि छह से दो साल तक काम के लिए दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उनका कार्य नहीं हो पा रहा है।
  • सीओ ने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि वह किसी भी मामले में पैसा न दें। काम के बदले जो भी कर्मी या दलाल पैसा मांगते हैं, प्रमाण स्वरूप उनका वीडियो जरूर बना लें। बताते चलें कि कार्य में लापरवाही को लेकर उक्त कर्मचारी को पूर्व में भी निलंबित किया गया था।

सात प्रमंडलों में भूमि सुधार विभाग का स्वतंत्र सर्वर शुरू

उधर, भूमि सर्वेक्षण के दौरान सर्वर की सुस्ती के कारण होने वाली परेशानी खत्म होने जा रही है।राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी नौ प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर की घोषणा की थी।

सोमवार तक सारण और दरभंगा को छोड़ कर सात प्रमंडलों का स्वतंत्र सर्वर काम करने लगा है। सारण और दरभंगा का सर्वर भी बुधवार से काम करने लगेगा।

इसके साथ ही अमीन द्वारा तेरीज का डाटा और रैयत द्वारा स्वघोषणा को ऑनलाइन अपलोड करने में आ रही समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इससे पहले उन्होंने स्वघोषणा की प्रगति की जिलावार समीक्षा की।

दूसरे चरण के जिन 18 जिलों में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है, उनमें सर्वाधिक संतोष जनक प्रगति दरभंगा जिले की है। जिले में आनलाइन एवं आफलाइन माध्यम से अबतक कुल सात लाख से अधिक स्वघोषणा प्राप्त है।

राजधानी पटना में सभी 26 अंचलों को मिलाकर आजतक कुल तीन लाख, 30 हजार स्वघोषणा प्राप्त हुआ है। इनमें रैयतों द्वारा सीधे ऑनलाइन माध्यम से एक लाख, 53 हजार स्वघोषणा को निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

एक लाख, 76 हजार स्वघोषणा ऐसी है जो शिविर स्तर पर ऑफलाइन मोड में प्राप्त है। इनमें से एक लाख 38 हजार स्वघोषणा को सर्वे कर्मियों द्वारा ऑनलाइन किया जा चुका है, जबकि 38 हजार स्वघोषणा को अपलोड किया जाना शेष है।

ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों को मिलाकर दूसरे चरण में अबतक जमा स्वघोषणा की कुल संख्या 79 लाख, 42 हजार 233 हो चुकी है।

इनमें 46 लाख 41 हजार स्वघोषणा रैयतों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से अपलोड किया गया है। दूसरे चरण के जिन 18 जिलों में अगस्त, 2024 में भूमि सर्वेक्षण का शुरू हुआ है, वे अपेक्षाकृत बड़े जिले हैं।

इनके नाम हैं

मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, पटना, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सारण, सीवान, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, गया, औरंगाबाद, नवादा और भागलपुर। इन सभी 18 जिलों में कुल मिलाकर अंचल और मौजा हैं।