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अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने के बाद पाकिस्तानी नागरिक अपने देश वापस लौटने लगे हैं। गुरुवार की सुबह कई पाकिस्तानी परिवार अटारी-वाघा बॉर्डर मार्ग के माध्यम से पड़ोसी देश लौटने के लिए अमृतसर में आईसीपी पर पहुंचे। पाकिस्तानी नागरिकों ने पहलगाम हमले की निंदा की और कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी भाईचारा और दोस्ती होनी चाहिए। हमें नफरत नहीं चाहिए।

श्रीनगर। अटारी वाघा बॉर्डर बंद होने के बाद पाकिस्तानी नागरिक वापस अपने देश वापस लौटने लगे। गुरुवार की सुबह कई पाकिस्तानी परिवार अटारी-वाघा बॉर्डर मार्ग के माध्यम से पड़ोसी देश लौटने के लिए अमृतसर में आईसीपी पर पहुंचे।

कराची के एक परिवार ने कहा कि वे अपने रिश्तेदारों से मिलने दिल्ली गए थे। परिवार के एक सदस्य शेख फजल अहमद ने कहा कि हम 15 अप्रैल को भारत आए थे और आज हम घर लौट रहे हैं, हालांकि हमारे पास 45 दिनों का वीजा था।

पाकिस्तान लौटते समय क्या बोले लोग

पहलगाम हमले अहमद ने कहा कि जिसने भी यह किया है वह पूरी तरह से गलत है। हम दोनों देशों के बीच आपसी भाईचारा और दोस्ती चाहते हैं। नफरत के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। हम नफरत नहीं चाहते हैं

मंसूर नामक एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ 15 अप्रैल को 90 दिन के वीजा पर भारत आया था, लेकिन हम आज घर लौट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक मुस्तफा ने कहा कि पहलगाम हमला कभी नहीं होना चाहिए था, लेकिन सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने के लिए कहना सही फैसला नहीं था।

मोदी सरकार को लेकर क्या बोले?

बता दें कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा भी रद्द कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

अटारी में एकीकृत चेक-पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए हैं, वे 1 मई से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।