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पटौदी से कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति की सलाहकार के रूप में नियुक्ति की आलोचना की है। उन्होंने इसे भाजपा के परिवारवाद के आरोपों का दोहरा मापदंड बताया है। चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण का उद्देश्य महिलाओं को निर्णय लेने में भागीदारी देना है न कि उनके परिवार को सत्ता सौंपना। उन्होंने नियुक्ति की समीक्षा करने की मांग की है।

गुरुग्राम। गुड़गांव नगर निगम मेयर राजरानी मल्होत्रा के सलाहकार के रूप में पति तिलकराज मल्होत्रा की नियुक्त पर पटौदी से कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने इस कदम को भाजपा द्वारा बार-बार विपक्ष पर लगाए जाने वाले परिवारवाद के आरोपों की असलियत बताते हुए दोहरे मापदंडों का प्रतीक करार दिया।

कांग्रेस नेत्री ने और क्या कहा?

पर्ल चौधरी ने महिला आरक्षण के मूल उद्देश्य को याद दिलाते हुए कहा कि यह संवैधानिक प्रविधान महिलाओं को निर्णय-प्रक्रियाओं में वास्तविक भागीदारी देने के लिए लाया गया था, न कि उन्हें महज एक फेस बनाकर उनके परिजनों को सत्ता की बागडोर सौंपने के लिए।

मेयर के पति को किसी सरकारी दस्तावेज या निर्णय प्रक्रिया में संवैधानिक रूप से कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में उनकी सलाहकार नियुक्ति एक छलावा है। यह संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह मांग है कि इस नियुक्ति की तत्काल समीक्षा हो और मेयर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें

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