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जेड मोड सुरंग का उद्घाटन मध्य कश्मीर की अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने वाला है। इस 6.5 किलोमीटर लंबी सुरंग से गगनगीर और सोनमर्ग के बीच की दूरी 20-25 मिनट में तय होगी जो पहले 45 मिनट से एक घंटे तक लगता था। इससे सोनमर्ग साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहेगा और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।

श्रीनगर। घाटी के लोग जहां एक ओर दिल्ली से श्रीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत रेल सेवा शुरू होने को लेकर उत्सुक है तो वहीं अगले चंद दिनों के भीतर जेड़ मोड़ सुरंग के शुरू से भी वे काफी खुश हैं। टनल के शुरू पर मध्य कश्मीर के लोग विशेषकर पर्यटन उद्योग से जुड़े स्थानीय लोगों के चेहरे पर खुशी दमक रही है।

उनका कहना है कि इस सुरंग के खुल जाने से मध्य कश्मीर की अर्थव्यवस्था में क्रांति आएगी। गौरतलब है कि गत कई वर्षों से मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में मौजूद गगनगीर इलाके से सोनमर्ग पर्यटन स्थल को जोड़ने वाली जेड़ मोड़ सुरंग जिस पर कुल 2628 करोड़ रुपय की लागत आई है, का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और13 जनवरी को यह सुरंग जनता को समर्पित की जाएगी।

25 मिनट में तय होगा सफर

इस सुरंग के माध्यम से गगनगीर व सोनमर्ग के बीच 6.5 किलोमीटर का फासला जोकि औसतन 45 मिनट से लेकर एक घंटे में तय किया जाता था, अब केवल 20-25 मिनटों के भीतर तय किया जाएगा।

इस सुरंग के माध्यम से गगनगीर व सोनमर्ग के बीच फासला कम हो गया है। इसके साथ ही सोनमर्ग अब वर्षभर पर्यटकों के लिए खुला रहेगा। इतना ही नही इस सुरंग के माध्यम से सोनमर्ग में शीतकालीन पर्यटकों के आने की संभानाएं और अधिक बढ़ गई है।

इसका सीधा लाभ पर्यटन उद्योग से जुड़े स्थानीय लोगों को मिलेगा। ऐसे में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग इस सुरंग के खुल जाने से खुश हैं और इसके खुलने की व्याकुलता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

सोनमर्ग में होटल संचालक गुलाम नबी रेना नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, यह सुरंग हमारे लिए केवल एक टनल नही बल्कि आमदनी बढ़ाने का एक स्रोत होगा। रेना ने कहा, हालांकि सोनमर्ग को ऑल वेदर टूरिस्ट डेसटिनेशन बनाने के लिए सरकार ने काफी कोशिशें की, यहां विंटर टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए सर्दियों के दौरान विंटर खेलें कराई ताकि सर्दियों के दौरान यहां ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट आ सके।

अलबत्ता, गगनगीर से यहां तक का 13 किलोमीटर रास्ता दुर्गम होने और इस पर भारी मात्रा में बर्फ जमा होना टूरिस्टों को सर्दियों के दौरान यहां आने में बड़ी रुकावटें डालता रहता था। नतीजतन हम लोगों का काम भी मंदा हो जाता था।

यहां के ज्यादातर होटल सूने ही रहते थे। लेकिन अब इस सुरंग के बनने से टूरिस्टों को यह मुश्किल रास्ता तय नही करना पड़ेगा बल्कि वह अब आराम से बर्फबारी के बीच भी इस आरामदेय सुरंग ये यहां पहुंच सकते हैं।

सर्दियों में टूरिस्टों की संख्या हो जाती है कम

सोनमर्ग में कपड़ों की दुकान करने वाले तारिक अहमद मागरे नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, विंटर में तो हमारा सीजन मानो ऑफ ही रहता था। दिसंबर, जनवरी व फरवरी में तो यहां बहुत कम टूरिस्ट आते थे। बर्फबारी के चलते यहां की तरफ आने वाली सड़कें बंद हो जाती थीं।

लिहाजा हम भी इन दिनों महीनों तक अपनी दुकानों पर ताले जड़ घर चले जाते थे और फिर हमारी नजरें सिर्फ समर सीजन और श्री अमरनाथ जी की तीर्थ यात्रा पर ही टिकी रहती थी। क्योंकि उन्हीं महीनों के दौरान हम कमाई करते थे। लेकिन शुक्र है कि अब हमें सर्दियों के दिनों अपनी दुकानें बंद नहीं करनी पड़ेगी बल्कि अब तो सालभर हम कमाई कर सकते हैं।

बता दें कि इस सुरंग के निर्माण में 10 वर्ष लगे। इस पर निर्माण कार्य वर्ष 2015 में शुरू हुआ था और 2023 में इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। अलबत्ता इसका निर्माण कार्य गत वर्ष यानी 2024 में मुकम्मल किया गया। सुरंग को सोमवार 13 जनवरी को लोगों को समर्पित की जाएगी।