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दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के सरकारी आवास को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सीएम आतिशी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने उन्हें तीन महीने में दूसरी बार मुख्यमंत्री आवास से बेदखल कर दिया है। वहीं लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इन दावों का खंडन किया है। जानिए इस विवाद की पूरी कहानी और दोनों पक्षों के तर्क।

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) और सीएम आतिशी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री आवास छीन लिया है। अरविंद केजरीवाल ने भी आरोप लगाया कि वहीं, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दिल्ली की सीएम आतिशी के सरकारी आवास पर दावों का खंडन किया

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीन महीने के भीतर BJP ने मुख्यमंत्री आतिशी को फिर से मुख्यमंत्री आवास से निकाल दिया। आतिशी को गालियां देकर उन्हें घर से बाहर निकालकर ये लोग अपनी बौखलाहट दिखा रहे हैं। भाजपा दिल्ली का चुनाव बुरी तरह से हार रही है और इसलिए ये लोग ऐसी गंदी राजनीति पर उतर आए हैं

लोक निर्माण विभाग ने पूरे मामले पर क्या कहा?

PWD ने कहा कि उनसे कई बार अनुरोध किया गया, बावजूद इसके उन्होंने 6-फ्लैगस्टाफ रोड स्थित सीएम आवास पर कभी कब्जा ही नहीं लिया। पत्र में पीडब्ल्यूडी ने यह भी कहा कि उन्होंने दिल्ली की सीएम को दो नए आवासों का प्रस्ताव दिया था, एक राज निवास लेन में और दूसरा दरियागंज में।

आतिशी से कई बार अनुरोध किया, लेकिन वह बंगले में रहने नहीं आईं। प्रावधान के अनुसार, अगर सीएम के लिए आवास का 'आवासीयता प्रमाण पत्र' जारी हो गया है और कार्य दिवसों के पांच दन में उसमें रहने नहीं आई तो आवंटन खुद ही रद्द हो जाएगा।

PWD ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री आवास के निर्णाम और जीर्णोद्धार मामले में सीबीआई जांच भी चल रही है। वहीं, सतर्कता निदेशालय (डीओवी) ने भी हाल ही में बंगले के संबंधित कुछ आरोपों पर तथ्यात्मक नोट मांगा था। लोक निर्माण विभाग इसकी पुष्टि करने की प्रक्रिया में है।

'मुझे तीन महीने में दो बार आवास से बाहर निकाला'

सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि केंद्र ने उन्हें तीन महीने में दूसरी बार सीएम आवास से बाहर निकाल दिया। उन्होंने कहा कि आज आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की गई है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मुझे तीन महीने में दूसरी बार मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकाल दिया है।

भाजपा सोचती है कि वे हमारे घर छीनकर, हमें गाली देकर और मेरे परिवार के बारे में बुरा बोलकर हमें काम करने से रोक देंगे। वे हमारे घर छीन सकते हैं और हमारा काम रोक सकते हैं, लेकिन दिल्ली के लोगों के लिए काम करने के हमारे जुनून को नहीं रोक सकते।

सीएम आतिशी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं दिल्ली के लोगों के घर आकर रहूंगी और दिल्ली के लोगों के लिए काम करती रहूंगी। तीन महीने पहले भी मेरा सामान सड़क पर फेंक दिया गया था। भाजपा को याद रखना चाहिए, आज जब उन्होंने मुझे फिर से मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकाल दिया है, तो मैं शपथ लेती हूं कि मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि दिल्ली की हर महिला को 2100 रुपये, हर पुजारी को 18,000 रुपये मानदेय मिले और हर बुजुर्ग को संजीवनी योजना के तहत मुफ्त इलाज मिले।

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