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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है। एलजी सक्सेना ने केजरीवाल के काम चलाऊ मुख्यमंत्री वाले बयान को आपत्तिजनक और अपमानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल आतिशी का अपमान है बल्कि राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में उनका भी अपमान है।

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान को लेकर सीए आतिशी को चिट्ठी लिखी है। एलजी सक्सेना ने सीएम आतिशी को नए साल की अग्रिम बधाई देते हुए उनके स्वस्थ रहने और हमेशा आगे बढ़ने की कामना की।

एलजी ने अपनी चिट्ठी में कहा- आपको मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के अवसर पर भी मैंने आपको हृदय से बधाई और शुभकामनाएं दी थी और तब से अब तक की अवधि में मैंने अपने ढाई साल के कार्यकाल में पहली बार मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति को मुख्यमंत्री का काम करते देखा जहां आपके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रई के पास सरकार का एक भी विभाग नहीं था और न ही वह फाइलों पर हस्ताक्षर किया करते थे, वहीं आपने अनेक विभागों का दायित्व लेते हुए प्रशासन के विभिन्न मुद्दों पर काम करने का प्रयास किया।

आपको अस्थायी काम चलाऊ कहना मुझे गलत लगा: LG सक्सेना

उन्होंने आगे लिखा- परंतु कुछ दिन पूर्व आपके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा मीडिया में आपको सार्वजनिक रूप से एक अस्थायी काम चलाऊ मुख्यमंत्री घोषित किया जाना मुझे आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हुआ। यह न केवल आपका अपमान था, बल्कि आपकी नियोक्ता महामहिम भारत की राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में मेरा भी अपमान था।

एलजी ने आगे लिखा- अस्थायी अथवा काम चलाऊ मुख्यमंत्री की जो सार्वजनिक व्याख्या केजरीवाल ने की, उसका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है और यह बाबा साहब आंबेडकर द्वारा रचित संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की निंदनीय अवहेलना भी है।

सभी विफलताओं की जिम्मेदारी आपकी मानी जाएगी: LG सक्सेना

उन्होंने लिखा- यह सर्वविदित है कि आपको किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाया गया। पिछले दस सालों में यमुना की बदतर हालात हो या पीने के पानी की भयंकर कमी, कचरे के पहाड़ों का मुद्दा या औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सड़कों और सीवर लाइन की दुर्दशा हो या स्वास्थ्य की चरमराती व्यवस्था, अनाधिकृत कॉलोनियों में सुविधाओं का घोर अभाव हो या झुग्गी बस्तियों में नारकीय जीवन, एक मुख्यमंत्री द्वारा जिसको अस्थायी और काम चलाऊ घोषित किया जा चुका हो, तीन-चार महीने में कुछ भी कर पाना कितना संभव है, यह सभी जानते हैं। इन क्षेत्रों में विफलताओं को आपके नेता ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है, परंतु मुख्यमंत्री के रूप में अब इन सभी क्षेत्रों में विफलताओं की जिम्मेदारी आपकी ही मानी जाएगी

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