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भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में शतक जमाया है। उनका ये शतक ऐसे समय पर आया जब भारतीय टीम काफी मुश्किल स्थिति में थी। नीतीश जब शतक के करीब थे तब उनका सैकड़ा पूरा करने का सपना धूमिल होता दिख रहा था लेकिन मोहम्मद सिराज के मैजिक ने ये काम आसान कर दिया।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस समय चौथा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इस मैच का आज तीसरा दिन था जो टीम इंडिया के नाम रहा। दूसरे दिन की समाप्ति तक जो टीम इंडिया बेहद कमजोर और लाचार लग रही थी वो तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक सम्मानजनक स्थिति में पहुंच गई है। इसका एक बड़ा कारण नीतीश कुमार रेड्डी की शानदार शतकीय पारी है। इस पारी के बाद पूरे क्रिकेट जगत में नीतीश की चर्चा है। नीतीश ने काम ही ऐसा किया है, लेकिन इसके लिए नीतीश को मोहम्मद सिराज को थैंक्यू कहना चाहिए।

मोहम्मद सिराज का मियां मैजिक नहीं चला होता तो नीतीश का पहला टेस्ट शतक पूरा करने का अरमान ठंड़ा पड़ जाता। नीतीश के पिता जो बेटे के शतक के बाद खुशी से झूम रहे थे वो झूम नहीं पाते और उनके गर्व के आंसू दुख और टीस के आंसूओं में बदल जाते।

सिराज ने किया कमाल

नीतीश ने इस मैच में वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर आठवें विकेट के लिए 127 रनों की साझेदारी की। ये ऑस्ट्रेलिया में उसके खिलाफ भारत की आठवें विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है। सुंदर को नाथन लियोन ने 112वें ओवर की आखिरी गेंद पर अपना शिकार बनाया। वह 162 गेंदों पर 50 रन बनाकर आउट हो गए। यहां नीतीश 97 रनों पर थे। शतक से तीन रन दूर। पैट कमिंस ने फिर 114वें ओवर की तीसरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह को आउट कर दिया। यहां ऑस्ट्रेलिया को टीम इंडिया के ऑल आउट करने के लिए एक विकेट चाहिए था। स्ट्राइक पर थे मोहम्मद सिराज। कमिंस के सामने तीन गेंद खेलना सिराज के लिए बहुत बड़ी बात थी।

सिराज अगर ये तीन गेंद अच्छे से नहीं खेलते तो नीतीश का शतक का सपना टूट जाता। चौथी गेंद पर सिराज बीट हो गए। यहां पूरे भारत को डर लगने लगा कि कहीं कमिंस काम तमाम न करे दें। अगली गेंद कमिंस ने बाउंसर फेंकी जिसे सिराज ने किसी तरह खेल लिया। बस आखिरी गेंद का इंतजार था। पूरा भारत सिराज की तरफ देख रहा था। सिराज भी जानते थे कि उनके लिए इस गेंद को रोकना कितना जरूरी है। सिराज ने बेहतरीन अंदाज में इस आखिरी गेंद को डिफेंड किया और अपना मैजिक दिखाया।

पूरा स्टेडियम इस गेंद के बाद झूम उठा क्योंकि मौका आने वाला था नीतीश रेड्डी के शतक का। सिराज के डिफेंस के बाद नीतीश के पिता ने भी राहत की सांस ली तो नीतीश को भी सुकून मिला होगा। अगला ओवर लेकर आए स्कॉट बोलैंड। उनके ओवर की तीसरी गेंद पर नीतीश ने मिड ऑन के ऊपर से चौका मार अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया।

कमेंटटरों ने भी माना सिराज का लोहा

सिराज पर कितनी बड़ी जिम्मेदारी थी ये वह भी जानते थे और बाहर बैठे भारतीय भी। इसी कारण जब सिराज ने वो तीन गेंदें खाली निकाली और विकेट बचाया तब कमेंटटर भी सिराज की तारीफ किए बिना नहीं रह पाए। नीतीश को इसके लिए सिराज को थैक्यू कहना तो बनता है। शायद कहा भी हो। अभी भी सिराज और नीतीश के ऊपर काफी बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि टीम इंडिया अभी भी ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से 116 रन पीछे है।

ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 474 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक नौ विकेट खोकर 358 रन बना लिए हैं। नीतीश 105 रन बनाकर नाबाद हैं। वहीं सिराज दो रन बनाकर नाबाद हैं।

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