अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर मैं अटल रहूंगा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान गायिका देवी द्वारा ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम भजन गाने पर कुछ लोगों द्वारा विवाद शुरू कर दिया गया। देवी ने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। अब इस पूरे मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की प्रतिक्रिया सामने आई है।
पटना। भारतीय जनता पार्टी द्वारा गांधी मैदान के बापू सभागार में अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर 'मैं अटल रहूंगा' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें भोजपुरी गायिका देवी के भी बुलाया गया। इस दौरान देवी के 'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम' भजन पर विवाद शुरू हो गय
अब इस पूरे मामले में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की प्रतिक्रिया सामने आई है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भजन का विरोध करने वाले भाजपा के लोग नहीं हो सकते हैं।
विरोध करने वाले भाजपा के नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। मंच के नीचे भीड़ में चंद (20-25) लोगों ने ही विरोध किया था।
- शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मैं अच्छी तरह जानता हूं कि लोकगायिका देवी के भजन का विरोध करने वाले भाजपा के लोग नहीं थे। सभागार में बैठे सभी लोग पूरे मनोयोग से भजन सुन रहे थे।
- इस दौरान विरोध करने वालों को मैंने रोका ही नहीं, बल्कि शांत भी कराया। फिर भी बिहार की धरती पर जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था।
- शाहनवाज ने कहा कि बिहार की धरती पर बापू का विरोध कोई स्वीकार नहीं कर सकता। देवी को किसी ने माफी मांगने के लिए बाध्य नहीं किया। उन्होंने स्वयं अपनी ओर से माफी मांगी
उल्लेखनीय है कि शाहनवाज हुसैन वाजपेयी कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री थे। वहीं, वाजपेयी सरकार में संचार, सामाजिक न्याय एवं मानव संसाधन राज्य मंत्री रहे संजय पासवान ने कहा कि भजन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन अस्वीकार्य है। हम गांधी, लोहिया, आंबेडकर और दीनदयाल की विचारधाराओं को आत्मसात करने वाली दुनिया में हैं।
दरअसल, कार्यक्रम में लोक गायिका देवी ने बापू के प्रिय भजन ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम गाना शुरू किया तो सभागार में कुछ लोगों ने इसका प्रतिरोध किया। विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि गाने की ये सही पंक्तियां नहीं हैं
इसको लेकर देवी अपनी बातें रख रही थीं, पर शोरगुल में कोई सुनने को तैयार नहीं था। तब आयोजकों ने मामले को शांत कराया। इस बीच देवी ने भारत माता की जय और अटल बिहारी वाजपेयी अमर रहें के नारे लगाए। वहीं लोगों ने सभागार में खड़े होकर जय श्रीराम के नारे लगाए।
देवी ने माफी मांगी
- देवी ने कहा कि भगवान हम सभी के हैं और उनका उद्देश्य केवल राम को याद करना था। उन्होंने भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुंबकम का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदू ही हैं, जो सभी को स्वयं में समाहित करते हैं।
- भजन से किसी की भावना आहत हुई हो तो वे माफी मांगती हैं। इसके बाद भी कई लोग असंतुष्ट होकर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए सभागार से बाहर निकल गए।
इसके बाद देवी ने शारदा सिन्हा को याद करते हुए छठ गीत गाया और वहां से चली गईं। आयोजकों ने कुछ लोगों के शोरगुल पर मामले को शांत कराते हुए कहा कि हम सभी भारत मां की संतान हैं।
इस तरह से अपना परिचय नहीं देते हैं। देवी ने कहा कि सम्मान समारोह में उन्हें गाने के लिए बुलाया गया था। उन्हें क्या पता था कि जो गीत गाए उस पर इतना हंगामा होगा।
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