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तेजी से बढ़ते डिजिटल दौर में साइबर ठगों से सावधान रहने की जरूरत है। लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए नोएडा साइबर पुलिस ने साइबर ठगी से बचने के लिए कई टिप्स दिए हैं। जानिए कैसे आप खुद को डिजिटल अरेस्ट स्कैम से बचा सकते हैं।

नोएडा। एक महिला के पास अनजान कॉल आया। साइबर ठग ने पुलिस अधिकारी बन उनको गैर कानूनी कार्य में संलिप्त होने की जानकारी देते हुए डराया और धमकाया। महिला कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।

ठगों के खाते में भेजे थे 10 लाख रुपये

साइबर ठग ने कॉल पर उनको अकाउंट नंबर बताते हुए उसमें पैसे डालने का दवाब बनाया। महिला ने पेपर पर लिखे अकाउंट का फोटो खींचकर दरवाजा खोला और बैंक की ओर निकल गईं।

महिला के भाई कुछ देर बाद उनके कमरे में गए तो कागज पर एक आइपीएस का नाम और अकाउंट नंबर लिखा मिला। वह समझ गए। उन्होंने अपनी बहन को कॉल किया तो पता चला कि वह बैंक में ही हैं, लेकिन ठगों के खाते में 10 लाख रुपये भेज चुकीं हैं।

उन्होंने तुरंत बैंक मैनेजर को सूचना दी और पैसा होल्ड कराया। साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट के माध्यम से उनका पूरा पैसा मिल चुका है। यह पूरा वाक्या सेक्टर-168 स्थित द गोल्डन पाम सोसायटी में आयोजित दैनिक जागरण की आनलाइन लुटेरा कार्यक्रम के दौरान मौजूद साइबर थाना पुलिस और एक्स्पर्ट ने बताया।

अनजान नंबर से कॉल आती है और छोटे निवेश से आपको बडी कमाई का लालच दिया जाता है। आप उस लालच में फंसे तो मान लीजिए अपना मस्तिष्क आपने एक साइबर ठग के पास गिरवी रख दिया है। ऐसा होने से पहले ही आप मस्तिष्क का उपयोग करते हैं तो साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं।

साइबर थाना उपनिरीक्षक आशीष चौधरी और साइबर विशेषज्ञ संजीव शर्मा और रवि शर्मा ने कार्यशाला में मौजूद लोगों को साइबर ठगी से बचाव के बारे में जागरूक किया। कार्यशाला में मौजूद लोगों के सवालों के जवाब दिए। फोन में सेफ्टी फीचर्स के बारे में माैके पर बताया।

आशीष चौधरी ने कहा कि आजकल शादी के कार्ड आनलाइन मोड पर भेजने का चलन है। अगर कोई आपको एपीके (एंडराइड एप्लीकेशन पैकेज) में शादी कार्ड भेजता है तो  डाउनलोड न करें। गलती से डाउनलोड कर भी लिया है तो किसी तरह की परमीशन न दें।

यह साइबर ठगों का नया जाल है जो जानकारी के अभाव में तेजी से फैल रहा है। अगर आपके फोन का एक्सेस लेकर आपके व्हाट्स ऐप का उपयोग कर रहा है तो अपने परिचितों से बोलकर उसको रिपोर्ट कराएं। फोन के टू स्टेप वेरिफिकेशन टूल्स को जानना बहुत जरूरी है। दस्तावेज, बैंक और निजी सूचनाओं से संबंधित फोल्डर या ऐप में पासवर्ड लगा कर रखें और समय-समय पर पासवर्ड को बदलते रहे।

यह बने साइबर योद्धा

सोसायटी में कई लोगों के साथ साइबर ठगी की घटनाएं हो चुकीं हैं। ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। बढ़ते साइबर क्राइम को लेकर हम सजग नहीं हैं इसीलिए घटनाएं बढ़ रहीं हैं।

- सीमा गोस्वामी

फोन में सुरक्षा के लिए कई अहम फीचर्स दिए हुए हैं। अधिकांश की जानकारी हम लोगों को नहीं होती है। कार्यशाला में ऐसे कई फीचर्स के बारे में जानकारी मिली। यह दूसरों को भी बताएंगे।

-कोश कुमार मल्होत्रा

गैर जरूरी चीजें या एप्लीकेशन मोबाइल फोन में डाउनलोड करने से बचना चाहिए। यह हम सभी को समझने की जरूरत है। दैनिक जागरण की यह कार्यशाला सराहनीय है। सभी जगहों पर ऐसे आयोजन होने चाहिए।

-प्रवीण

साइबर ठगी होने पर बिना देरी के 1930 पर कॉल कर सूचना देनी चाहिए। इस नंबर और साइबर ठगी से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे।

-राकेश परिहार

एओए के साथ बैठक कर सोसायटी में साइबर सुरक्षा के बचाव के लिए जोर शोर से प्रचार प्रसार किया जाएगा। सोसायटी हमारी है और हमारा प्रयास यही रहेगा कि यहां कोई साइबर ठगी का शिकार न हो। इसको लेकर लोगों को जागरूक करूंगा।

-हरिकेश उपाध्याय

 डिजिटल होते जमाने में साइबर फ्राड तेजी से बडा है। जो लोग साइबर ठगी की घटनाओं से अनजान हैं उनको जाल में फंसाकर आसानी से ठगी की जा रही है।

-कविता बेदी

अनजान लिंक पर क्लिक करने या कोई ऐप डाउललोड करने से बचना चाहिए। यह भी ठगी की एक बडी वजह है। साइबर ठगों की बढ़ती तकनीक के साथ हमको भी जागरूकता का पाठ पढ़कर एक कदम आगे रहना चाहिए।  -अजय शुक्ला

कोई भी साइबर ठगी की घटना बिना हमारी गलती के नहीं होती। लोग लालच में आकर फंसते हैं। इस दुनिया में फ्री कुछ भी नहीं मिलता है। जब हम इन बातों को समझना बंद कर देते हैं तो साइबर ठगों के चंगुल में आसानी से फंस जाते हैं।

- अमित गोस्वामी

फोन में पासवर्ड रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। हमारा मोबाइल पर आने वाला ओटीपी सिर्फ हमारा है। हमको यह समझना होगा कि यह ओटीपी न किसी को बताना है और न ही देना है।

- विजय उपाध्याय

क्रेडिट कार्ड उपयोग करने पर ही उसको बैंक ऐप के माध्यम से एक्टिव करना चाहिए। बैंक ऐप में टेपरेरी ब्लॉक का आप्शन भी होता है। अगर कोई फ्राड काल आती है तो उसको रिपोर्ट कर ब्लाक करना चाहिए।