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ब्रिसबेन के गाबा टेस्ट मैच ड्रॉ होने के बाद भारत के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का एलान किया। उन्होंने गाबा टेस्ट मैच खत्म होने के बाद ये फैसला प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिया। संन्यास लेने के बाद अश्विन चेन्नई पहुंच चुके हैं लेकिन उनके अचानक संन्यास लेने के फैसले को लेकर हाल ही में उनके पिता ने बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया हैं।

गाबा टेस्ट मैच के ड्रॉ पर खत्म होने के बाद जहां भारतीय फैंस खुशी मना रहे थे, तो वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान रोहित शर्मा के साथ पहुंचे आर अश्विन ने एक बड़ा एलान किया।

अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर फैंस को पल भर में मायूस कर दिया। अचानक से संन्यास लेने के अश्विन के इस फैसले के बाद लगातार कई सवाल खड़े होने लगे। संन्यास लेने के अगले दिन यानी आज अश्विन अपने घर चेन्नई लौट चुके हैं, जहां परिवार ने उनका जोरदार स्वागत किया।

इस दौरान न्यूज 18 से बातचीत करते हुए अश्विन (R Ashwin Father) के पिता ने सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि अश्विन को टीम इंडिया में अपमानित किया गया और इस वजह से उन्हें मजबूरी में संन्यास लेना पड़ा।

R Ashwin के संन्यास की जानकारी पिता को भी आखिरी मोमेंट में पता चली

दरअसल, आर अश्विन के पिता ने ये बताया कि उन्हें खुद आखिरी मोमेंट में ये पता चला कि अश्विन संन्यास ले रहे हैं। पिता ने आगे कहा कि उनके दिमाग में क्या चल रहा था, मुझे नहीं पता। उसने बस तुरंत फैसला लिया। मैंने भी इसे पूरी खुशी के साथ स्वीकार कर लिया। मुझे इसके लिए कोई भावना नहीं थी। लेकिन जिस तरह से उन्होंने संन्यास की घोषणा की, उससे एक तरफ मैं बहुत खुश था, दूसरी तरफ मैं खुश नहीं था क्योंकि उन्हें खेलना जारी रखना चाहिए था।

रविचंद्रन अश्विन के भारतीय टीम से संन्यास लेने के पीछे की सही वजह तो नहीं बताई, लेकिन उन्होंने कहीं-न-कही ये संकेत दिया कि अपने शानदार रिकॉर्ड के बावजूद प्लेइंग इलेवन में नियमित जगह न मिलना उनके लिए अपमानजनक रहा होगा।

उनके पिता ने आगे कहा कि (संन्यास लेना) उनकी (अश्विन की) इच्छा और चाहत है, मैं इसमें दखल नहीं दे सकता, लेकिन जिस तरह से उन्होंने संन्यास लिया, उसके कई कारण हो सकते हैं। केवल अश्विन ही जानते हैं, शायद अपमान के कारण।

बाइक पर बैठकर पिता संग प्रैक्टिस करने जाते थे अश्विन

आर अश्विन के पिता ने ये भी बताया कि अश्विन के क्रिकेट करियर में उनका ज्यादा हाथ नहीं रहा। वह उन्हें सिर्फ प्रैक्टिस के लिए बाइक पर ले जाया करते थे। उन्होंने कहा

"मैं उन्हें बाइक से ले जाता था और अभ्यास के लिए छोड़ता था। मैं उनके क्रिकेट में ज्यादा शामिल नहीं था। मैंने जो किया, वह उन्हें पढ़ाई और क्रिकेट दोनों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना था। घर पर मैं उनसे बात करता था, बस इतना ही। बाकी सब उन्होंने (अपने दम पर) किया। मैंने कुछ नहीं किया, क्योंकि उनका चतुर दिमाग और प्रतिभा के कारण वे अपने आप आगे बढ़े। मैंने क्रिकेट में उनकी उतनी मदद नहीं की, लेकिन अपने दम पर और अपने दिमाग के काम से उन्होंने (अपने दम पर) सब कुछ किया।"

R Ashwin को नहीं मिला फेयरवेल मैच खेलने का मौका

भारतीय टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले आर अश्विन को अपना फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में एडिलेड टेस्ट में मौका मिला था, लेकिन गाबा टेस्ट मैच में उन्हें प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली। उनकी जगह जडेजा को मौका दिया गया। जडेजा ने बल्ले से गाबा टेस्ट में अहम पारी खेली और जिसके बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि जडेजा को ही अगले बाकी दो बचे मैचों में मौका मिलेगा। ऐसे में अश्विन को अपना फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला।

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