सुप्रीम कोर्ट में आज कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान देश के सर्वोच्च न्यायालय ने घटना में चल रहे मुकदमे की स्थिति में जानकारी मांगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) को बारह सप्ताह के भीतर अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पक्षों को निर्देश दिया कि वे लिंग आधारित हिंसा को रोकने और अस्पतालों में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल विकसित करने पर अपनी सिफारिशें और सुझाव अदालत द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय टास्क फोर्स के साथ साझा करें।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि एनटीएफ मंगलवार से 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट विचारार्थ दाखिल करेगा। अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च, 2025 को होगी।
कोर्ट ने दिए ये आदेश
जानकारी दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मद्देनजर मेडिकल पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए शीर्ष अदालत ने 20 अगस्त को एनटीएफ का गठन किया था
10 दिसंबर को स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए, सीजेआई ने सुझाव दिया कि यदि मामले के बलात्कार और हत्या के मुकदमे में देरी होती है तो पक्ष पहले सुनवाई की मांग कर सकते हैं। अब इस मामले की सुनावई के लिए अगली तारीख 17 मार्च, 2025 की तय की गई है।
NTF ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
नवंबर माह में एनटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए एक अलग केंद्रीय कानून की आवश्यकता नहीं है। पैनल ने यह भी कहा कि राज्य के कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत गंभीर अपराधों के अलावा दिन-प्रतिदिन के छोटे अपराधों को संबोधित करने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं।
अपनी रिपोर्ट में एनटीएफ ने कहा कि देश के 24 राज्यों ने पहले ही स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा को संबोधित करने के लिए कानून बनाए हैं, जिसके तहत स्वास्थ्य सेवा संस्थान और चिकित्सा पेशेवर शब्दों को भी परिभाषित किया गया है।
जांच पर खतरा की संभावना
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को कहा था कि वह मामले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्षों से परेशान है, जबकि विवरण का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा कि कोई भी खुलासा चल रही जांच को खतरे में डाल सकता है।
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