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इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) सिख वोटों पर नजर गड़ाए हुए है। पिछले तीन दिनों में आम आदमी पार्टी ने दो सिख नेताओं जितेंद्र सिंह शंटी और सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को पार्टी में शामिल किया है। इस समय दिल्ली में आप के सिर्फ दो सिख विधायक हैं। पार्टी विधानसभा चुनाव में सिखों की हिस्सेदारी बढ़ाने की रणनीति में जुट गई है।

पंजाब के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी सिखों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में है। इसी क्रम में पिछले तीन दिनों में आप ने दो सिख नेताओं जितेंद्र सिंह शंटी और सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को पार्टी में शामिल कराया है।

इस समय दिल्ली में आप के सिर्फ दो सिख विधायक हैं। जिसमें से तिलक नगर से जनरैल सिंह व चांदनी चौक से प्रहलाद सिंह साहनी शामिल हैं। जबकि 2015 में आप में चार सिख विधायक थे। लगातार कम हो रहे सिखों के प्रतिनिधित्व को लेकर अब आप गंभीर है और विधानसभा चुनाव में इस समाज की हिस्सेदारी बढ़ाकर उन्हें और बेहतर तरीके से अपनी ओर ले आने की रणनीति में जुट गई है।

अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को सिख नेता जितेंद्र सिंह शंटी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई थी। फोटो- जागरण आर्काइव

दिल्ली में कितनी है सिख वोटरों की संख्या?

दिल्ली में सिख मतदाताओं की बात करें तो दिल्ली में करीब 10 लाख सिख मतदाता हैं। राजौरी गार्डन, तिलकनगर, कालकाजी, हरि नगर, कालकाजी व हरि नगर सीट पर सिखों की संख्या ठीक-ठाक है। मगर आमतौर पर हर सीट पर सिख मतदाता हैं। दिल्ली में सिख विधायक भी कभी ठीक-ठाक संख्या में रहे हैं। 

2013 में जीते थे नौ सिख विधायक

सभी दलों के सिख विधायकों की बात करें तो 2013 में दिल्ली विधानसभा में नौ सिख विधायक चुन कर गए थे। इनमें आप के तीन, भाजपा के चार और दो कांग्रेस के थे। यानी आप से अधिक भाजपा के पास सिख विधायक थे।

इनमें आप के जंगपुरा से मनिंदर सिंह धीर, तिलक नगर से जरनैल सिंह व हरि नगर से जगदीप सिंह, भाजपा के राजेंद्र नगर से आरपी सिंह, शाहदरा से जितेंद्र सिंह शंटी, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा व कालकाजी से हरमीत सिंह कालका तथा कांग्रेस के गांधी नगर से अरविंद सिंह लवली व चांदनी चौक से प्रहलाद सिंह साहनी का नाम शामिल है। मगर यह सरकार 49 दिन ही चल सकी थी।

2015 के चुनाव कितने सिख प्रत्याशी जीते?

2015 में जब फिर से आप की सरकार बनी तो सिख विधायक चार ही रह गए, ये भी आप के ही थे। इसमें तिलक नगर से जरनैल सिंह, हरि नगर से जगदीप सिंह व कालकाजी से अवतार सिंह जीते थे। इसके अलावा राजौरी गार्डन से भी जरनैल सिंह जीते थे, मगर 2017 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और पंजाब जाकर चुनाव लड़े थे। इस सीट पर जब उप चुनाव हुए तो भाजपा के सिरसा ने फिर जीत हासिल की थी।

AAP ने मंत्रिमंडल किसी सिख चेहरे को नहीं दी जगह

कुल मिलाकर पंजाब में सरकार बना लेने के बाद दिल्ली में आप के लिए पहला चुनाव है। ऐसा कहा जा रहा है कि आप की फिर से सरकार बनती है तो इस बार मंत्रिमंडल में किसी सिख चेहरे को भी आप जगह दे सकती है। आप ने अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार के दो कार्यकाल में अभी तक किसी सिख को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया है। जबकि भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकारों में मंत्रिमंडल में सिखों का प्रतिनिधित्व रहा है।

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