
शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र चुनावों में एमवीए की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। यूबीटी नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के अति आत्मविश्वास ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी के प्रदर्शन को नुकसान पहुंचाया है। दानवे ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस हर उस जगह अति आत्मविश्वास में थी जहां उसने चुनाव लड़ा था।
मुंबई। महाराष्ट्र चुनाव में करारी हार के बाद एमवीए में सब ठीक चलता नहीं दिख रहा है। जहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, वहीं अब शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस पर ही हार का ठीकरा फोड़ा है।
कांग्रेस का अति आत्मविश्वास ले डूबा
यूबीटी नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के 'अति आत्मविश्वास' ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी के प्रदर्शन को नुकसान पहुंचाया है। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दानवे ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस हर उस जगह अति आत्मविश्वास में थी, जहां उसने चुनाव लड़ा था।
लोक सभा चुनाव में कांग्रेस की मेहनत दिखी थी
उन्होंने कहा कि यह सच है कि कांग्रेस अति आत्मविश्वास में थी। लोकसभा चुनावों के बाद, जहां भी चुनाव हुए- चाहे वह हरियाणा हो, जम्मू और कश्मीर हो या महाराष्ट्र उनका अति आत्मविश्वास साफ दिखा। राहुल गांधी और कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के दौरान कड़ी मेहनत की और इंडिया ब्लॉक ने भी नतीजे देखे, लेकिन वो इस बार अति आत्मविश्वास में थे।
चुनाव में नुकसान के बताए कारण
- शिवसेना (यूबीटी) नेता ने यह भी बताया कि महा विकास आघाड़ी आखिरी दिन तक सीट बंटवारे की बातचीत में उलझी रही। अंबादास दानवे ने कहा कि हम आखिरी दिन तक सीट बंटवारे पर चर्चा में उलझे रहे, जबकि उन दिनों को जनता से बातचीत में बिताना चाहिए था।
- कुछ सीटें शिवसेना को दी जानी चाहिए थीं, लेकिन कांग्रेस सहमत होने को तैयार नहीं थी।
- कांग्रेस ने ऐसा व्यवहार किया जैसे मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह ही उनके लिए मायने रखता हो।
उद्धव को बनाना चाहिए था सीएम फेस
दानवे ने आगे जोर देकर कहा कि अगर उद्धव ठाकरे का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया जाता, तो नतीजे अलग होते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम आगे किया जाना चाहिए था। अगर उन्हें शुरू से ही सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाता, तो नतीजों में काफी बदलाव आ सकता था।
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