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मेरठ के सरूरपुर में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में नकली सोने के आभूषण गिरवी रखकर 11 लाख रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है। जांच में पता चला कि आभूषण लगभग 90 प्रतिशत चांदी के बने थे। बैंक प्रबंधक ने सर्राफ सहित दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। नाजिम ने 2015 और 2018 में दो बार गोल्ड लोन लिया था।

मेरठ : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की सरूरपुर शाखा में सोने के नकली आभूषण गिरवी रखकर 11 लाख का लोन लेने का मामला सामने आया है। जांच में पता चला कि आभूषण 90 प्रतिशत चांदी से बने हुए हैं। बैंक प्रबंधक की तरफ से जांचकर्ता सर्राफ सहित दो आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

आभूषणों के मूल्यांकन के आधार पर लोन की स्वीकृत की गई थी

शाखा प्रबंधक आदित्य द्वारा न्यायालय सिविल जज (ज्यूडिशियल) सरधना में दाखिल प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि नाजिम ने 2015 में बैंक से आरोपित ने नकली सोने के आभूषण गिरवी रखकर पांच लाख 72 हजार छह सौ रुपये की रकम लोन ली। आभूषणों के मूल्यांकन के आधार पर लोन की स्वीकृत की गई थी। 2018 में फिर लोन लिया। दोनों बार में कुल रकम 10,99000 हो गई। पकड़ में आने के बाद आभूषण की कीमत करीब 3,72000 रह गई।

इस तरह 7,27,640 रुपये की धोखाधड़ी की गई। बैंक प्रबंधक के अनुसार यह मूल्यांकन मुंशी लाल (हरिकृष्ण ज्वेलर्स, सराफा बाजार, मेरठ) की रिपोर्ट पर आधारित था। 

बैंक की आंतरिक जांच में पकड़ में आया मामला 

2021 में बैंक ने गिरवी रखे गए आभूषणों की जांच दूसरे ज्वेलर्स से कराई तो मामले का राजफाश हुआ। जांच में गिरवी रखे आभूषण में लगभग 90 प्रतिशत चांदी पाई गई।

करीब सात लाख 27 हजार 640 रुपये का नुकसान

बैंक की आंतरिक जांच में यह सामने आया कि नाजिम और मुंशी लाल ने साजिश के तहत फर्जी आभूषण बैंक में गिरवी रखे और करीब सात लाख 27 हजार 640 रुपये की धोखाधड़ी कर गोल्ड लोन लेकर बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। सीओ संजय कुमार जायसवाल ने बताया कि जांच की जा रही है। साक्ष्य के आधार पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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