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लालू प्रसाद ने बेटे तेज प्रताप यादव पर कार्रवाई की है लेकिन मामला शांत नहीं होगा। अब देखना है कि तेज प्रताप मुंह खोलकर किस-किस को निशाने पर लेते हैं क्योंकि उनके निशाने पर वे लोग होंगे जो पार्टी और परिवार से बेदखल होने का कारण बने। तेज प्रताप ने तेजस्वी को बधाई दी है पर अज्ञातवास से बाहर आने पर उन्हें अनुष्का यादव पर सफाई देनी होगी।

पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक का मामला कोर्ट में लंबित रहने के बावजूद एक अन्य लड़की से प्रेम प्रसंग के सामने आने के तुरंत बाद लालू प्रसाद ने अपने विधायक पुत्र तेज प्रताप यादव पर कार्रवाई तो कर दी, लेकिन इतने से ही यह मामला शांत होने वाला नहीं है।

अब तेज प्रताप के मुंह खोलने का इंतजार है। अभी वह अज्ञातवास में हैं, लेकिन जब सामने आएंगे तो क्या-क्या बोलेंगे। किस-किस को निशाने पर रखेंगे और सबका असर क्या होगा, यह बड़ा सवाल है। निश्चित तौर पर उनके निशाने पर वे सारे लोग होंगे, जो पार्टी और परिवार से बेदखल होने का कारण बने हैं।

तेज प्रताप के निशाने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी हो सकते हैं और राबड़ी आवास के वैसे अन्य सदस्य भी, जिन्हें तेज प्रताप पसंद नहीं करते हैं।

तेज प्रताप ने दी तेजस्वी के पित बनने की बधाई 

हालांकि, तेज प्रताप ने तेजस्वी के पुत्र की प्राप्ति पर मंगलवार को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं व्यक्त कर संकेत दे दिया है कि वह परिवार की परिधि से अभी बाहर नहीं निकले हैं और सुलह का प्रयत्न जारी रखेंगे। अज्ञातवास से बाहर आने पर मीडिया के सामने सबसे पहले तेज प्रताप को अनुष्का यादव पर सफाई देनी होगी, जिसके साथ प्रेम प्रसंग के चलते सार्वजनिक तौर पर उनकी फजीहत हुई है।

इतना ही नहीं, उनका राजनीतिक सफर भी अंधेरे में दिखने लगा है। अबतक तेज प्रताप के विरोध की शैली समझौतावादी ही रही है। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने भाई तेजस्वी के खिलाफ खुलकर हमला नहीं बोला है, लेकिन उन्हें सलाहकारों से दूर रहने की नसीहत जरूर देते रहे हैं। कुछ मामलों में सफलता भी मिली है।

माता-पिता की नजरों में तेज प्रताप की अहमियत कभी कम नहीं हुई

कभी अपने ही ममेरे भाइयों नागमणि, मणि और ओमप्रकाश के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोला था। तीनों लालू परिवार में काफी घुले-मिले थे। मणि को तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम रहते हुए अपना प्राइवेट सेक्रेटरी बना रखा था। नागमणि भी अरसे से राबड़ी देवी के सेक्रेटरी थे।

ओम प्रकाश को तेज प्रताप ने कुछ दिनों तक अपने साथ रखा, लेकिन एक समय ऐसा आया कि उन्होंने तीनों भाइयों की एक साथ विदाई करवा दी। जाहिर है, माता-पिता की नजरों में तेज प्रताप की अहमियत कभी कम नहीं हुई है। उन्होंने जब जैसा चाहा, वैसा करवा लिया। इस बार भी तेज प्रताप के निशाने पर कोई न कोई जरूर होगा।

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