
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। डॉन अखबार के अनुसार आसिम मुनीर को ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस के दौरान बेहतरीन रणनीति के कारण यह प्रमोशन मिला है। इससे पहले जनरल अयूब खान ने खुद को फील्ड मार्शल की उपाधि दी थी।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
पाकिस्तान अखबार डॉन के मुताबिक, पाक ने सरकार ने “ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस” के दौरान कथित 'बेहतरीन रणनीति' के वजह से आसिम मुनीर को प्रमोशन दिया है। इससे पहले पाकिस्तानी जनरल अयूब खान ने 1960 के दशक में खुद को ही फील्ड मार्शल की उपाधि दे दी थी।
कौन है आसिम मुनीर?
देश के बंटवारे के बाद मुनीर के पिता जालंधर से रावलपिंडी चले गए थे। साधारण परिवार में जन्मे मुनीर के पिता एक स्कूल के प्रिंसिपल और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे।
मुनीर ने शुरुआती पढ़ाई रावलपिंडी के इस्लामिक मदरसे दार-उल-तजवीद में की। उसके मन में बचपन से ही धार्मिक कट्टरता की भावना पैदा हो गई।
इसके बाद साल 1986 में उसने मंगला के ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से ग्रेजुएशन किया। मुनीर को फिर Frontier Force Regiment की 23वीं बटालियन में कमीशन मिला। उसने 25 अप्रैल 1986 को अपना सैन्य करियर शुरू किया था।
लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में मुनीर ने सियाचिन ग्लेशियर में भी सर्विस दी है। ब्रिगेडियर रहते हुए उसने पाकिस्तान की आई स्ट्राइक कोर मंगला के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया। वो पाकिस्तान के इतिहास में एकमात्र सेना प्रमुख है, जिसने पाकिस्तान की दोनों प्रमुख सैन्य खुफिया एजेंसियों, ISI और मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में काम किया है ।
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