
ग्रेटर नोएडा में हरनंदी नदी के डूब क्षेत्र में प्रतिबंध के बाद भी अवैध निर्माण जारी है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे परन्तु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कुलेसरा और लखनावली जैसे गांवों में बिना नक्शे और बिजली कनेक्शन के भवन बन रहे हैं। अधिकारी अनजान बने हुए हैं जबकि डूब क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंधित है।
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में हरनंदी नदी के डूब क्षेत्र में आने वाले कई गांवों में प्रतिबंध के बाद भी लोग भवन खड़े कर रहे हैं, जबकि नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने कुछ दिन पहले ही जिलाधिकारी की मौजूदगी में बैठक कर पूर्व में अवैध निर्माण कराने वालों पर कार्रवाई व नया निर्माण रोकने के निर्देश दिए थे।
डूब क्षेत्र में आते हैं करीब 40 गांव
बता दें कि अभी तक अवैध निर्माण पर न तो कार्रवाई की गई है और न ही नए निर्माण को रोकने की कवायद की जा रही है। जिले में हरनंदी नदी के किनारे डूब क्षेत्र में करीब 40 गांव आते हैं। निर्माण पर रोक के बाद भी साल दर साल डूब क्षेत्र में लगातार नए भवनों का निर्माण कार्य जारी है। वह भी तब जबकि संबंधित प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक, लेखपाल और सिंचाई विभाग के अधिकाारियों को डूब क्षेत्र में नए निर्माण को पूरी तरह से रोकने के निर्देश हैं।
वहीं, हाल ही में हुई बैठक में नोएडा प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम ने नाराजगी जताते हुए डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। डूब क्षेत्र का ड्रोन कैमरा से सर्वे भी कराया जाना था। डूब क्षेत्र में कुलेसरा और लखनावली में पिछले काफी समय से कई भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
खास बात यह भी है कि डूब क्षेत्र में जो भवन बन रहे हैं, उनका न तो नक्शा बनवाया गया है और न ही बिजली का कनेक्शन लिया जा रहा है। भवनों तक पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं है। हरनंदी में बाढ़ आने की स्थिति में पानी घरों में घुसना तय है।
दिन भर निर्माण कार्य, अधिकारी अनजान
कुलेसरा और लखनावली समेत डूब क्षेत्र के कई गांवों में कई नये भवनों का निर्माण दिनभर किया जा रहा है। इसके बाद भी अधिकारी अनजान बने हैं। जिम्मेदारों द्वारा कुछ दिन पहले एक दो भवनों को ढहाकर कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति भर की गई थी।
छतों पर सोलर पैनल, तो कहीं पर बांस बल्लियों पर केबल
डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण कराने वाले लोग भवनों में मूलभूत सुविधाओं का जुगाड़ चल रहे हैं। बिजली के कनेक्शन लेने के बजाय छतों पर सोलर पैनल लगा रखे हैं। तो कुछ लोगों ने बिजली विभाग के कर्मचारियों से साठगांठ कर बांस बल्लियों के सहारे पोल से निर्माणाधीन भवन तक केबल पहुंचा ली है।
हरनंदी के डूब क्षेत्र में आते हैं जिले के यह गांव
हरनंदी नदी के डूब क्षेत्र में जिले के कुलेसरा, लखनावली, छिजारसी, चोटपुर, यूसुफपुर, चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढीचीखंडी, हैबतपुर, परथला, खंजरपुर, सोरखा जहीदाबाद, ककराला, अलीवर्दीपुर, जलपुरा, हल्दौनी, कुलेसरा, इलाहाबास, सूथियाना, शहदरा, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झट्टा बादोली बांगर, सफीपुर, चूहड़पुर और मोमनाथल आदि गांव हैं।
जिले में यमुना नदी के डूब क्षेत्र में आते हैं यह गांव यमुना नदी के बाएं किनारे पर ग्राम मोतीपुर, तिलवाडा, गढ़ी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, गुलावली, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली, असदुल्लापुर, औरंगाबाद, दलेलपुर, याकूतपुर आदि गांव डूब क्षेत्र में आते हैं।
डूब क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंधित है। जल्द ही संयुक्त टीम गठित कर डूब क्षेत्र का निरीक्षण किया जाएगा। जहां पर भी अवैध निर्माण मिला ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। - चारुल यादव, उप जिलाधिकारी, सदर तहसील
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