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भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के उल्लंघन पर जमशेदपुर में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान भरोसे के लायक नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई का समर्थन करते हुए नागरिकों ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि अब पाकिस्तान को अपनी हरकतों की सजा मिलनी चाहिए।

जमशेदपुर। भारत-पाक के बीच युद्ध विराम की घोषणा का के बाद पाकिस्तान की तरफ से दोबारा सीजफायर का उल्लंघन किए जाने की सूचना से शहरवासियों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है।

जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी टीम के साथ ही सेना के तीनों विंग एकजुट होकर पाकिस्तान के हर हमले का करारा जवाब दे रहे थे, उसको आगे भी जारी रखने की जरूरत है।

हालांकि, सभी लोगों ने युद्ध को किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं बताया। लोगों ने कहा कि युद्ध विराम के बाद पाकिस्तान ने दोबारा हमला कर दिया, ऐसे में अब उसे सबक सिखाना ही पड़ेगा।

सीजफायर उल्लंघन पर लोगों ने दी प्रतिक्रियाएं

भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति कुछ ही घंटे में टूटना विश्वासघात है। सेना के शौर्य व पराक्रम, पीएम मोदी की गंभीरता को पाकिस्तान ने एक बार फिर से आतंकी चेहरा दिखा दिया है। पाकिस्तान पर भरोसा करना मुश्किल है, सबक सिखाने की जरूरत है। सरकार कहे तो लाखों नागा साधु सीधे लड़ाई करने को तैयार हैं।

महंत विद्यानंद सरस्वती, पारडीह कालीमंदिर

भारत कभी किसी से जंग नहीं चाहता। संघर्ष विराम को तोड़ना पाकिस्तान का दोहरा चरित्र का परिचायक है। हमारी नीति बहुत स्पष्ट है। हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं हम युद्ध, आतंकवाद में विश्वास नहीं करते, लेकिन हमपर कोई हमला करें उसे बर्दाश्त भी नहीं कर सकते।

शैलेश गुप्ता, भाजपा नेता

भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम से हम खुश थे, लेकिन पाकिस्तान ने अपना आतंकी चरित्र को दिखा दिया है। अब पाकिस्तान व उसके पोसे गए आतंकवादियों को सबक सिखाना जरूरी हो गया है।

नीरू सिंह, भाजपा नेत्री

ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमारी सेना ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए हमला बेहद ही सटीक था। दोनों देशों ने युद्ध विराम पर सहमति प्रदान की, लेकिन पाकिस्तान ने उसे क्षण भर में तोड़ दिया। अब भारतीय नेतृत्व व सेना पूरी क्षमता के साथ सबक सिखाए।

मो. मोइनुद्दीन

पाकिस्तान पर विश्वास किया ही नहीं जा सकता। सीजफायर के लिए तैयार हो गया, जब सहमति बनी तब उसने पीठ पीछे छुरा भोंकने का काम किया। अब तो समय आ गया है कि उसे हर हाल में घुटने पर टेकाया जाए।

राजकुमार सिंह, समाजसेवी