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पाकिस्तान युद्ध की आशंका से सहमा हुआ है। नियंत्रण रेखा (LoC )के बाद अब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी भारतीय सुरक्षाबलों के अग्रिम ठिकानों पर गोलीबारी की जा रही है। पाकिस्तानी सैनिक दिन में शांत रहते हैं और रात में गोलीबारी करते हैं। इसका मकसद आतंकियों की घुसपैठ कराना है।

श्रीनगर। पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार सातवीं रात नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखा और जम्मू-कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों के कई सेक्टरों में बिना उकसावे के गोलीबारी की। पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का जवानों ने कड़ा जवाब दिया।

इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी भारतीय सुरक्षाबलों के अग्रिम ठिकानों पर गोलीबारी की थी।

पाकिस्तानी सैनिक दिन के उजाले में पूरी तरह शांत बैठे रहते हैं और अग्रिम चौकियों पर नजर भी नहीं आते, लेकिन रात गहराने के साथ ही गोलीबारी करने लगते हैं।

इसका मकसद आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश है। डरे-सहमी पाकिस्तानी सेना व उसके रेंजरों ने कई अग्रिम पोस्टों पर लगे अपने झंडे उतार दिए हैं और युद्ध की आशंका में उसने अग्रिम इलाकों में तोपखाने और टैंक लाकर खड़े किए हैं।

छह दिन तक रुक-रुककर हुई गोलीबारी

पहलगाम नरसंहार के बाद केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कूटनीतिक कदमों से हताश पाकिस्तान ने गत सप्ताह एलओसी पर जंगबंदी का उल्लंघन कर दिया। बीते छह दिन से यह गोलीबारी रुक-रुककर हो रही 

पाकिस्तानी गोलीबारी के पैटर्न के आधार पर संबंधित सुरक्षा अधिकारियों को मानना है कि इसके पीछे पाकिस्तानी सेना के दो मकसद हैं।

पहला यह कि गोलीबारी कर सैन्य तनाव को बढ़ाना और दूसरा- गोलीबारी की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ का सुनिश्चित बनाना। इसलिए गोलीबारी से प्रभावित इलाकों में ही नहीं, उनके आसपास के क्षेत्रों में भी सुरक्षाबलों द्वारा नियमित रूप से तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। घुसपैठरोधी तंत्र की लगातार समीक्षा कर उसमें जरूरत के अनुसार सुधार किया जा रहा है।

सुंदरबनी और नौशहरा में भी गोलीबारी

पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार की मध्यरात्रि को गोलीबारी का दायरा बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पहले यह गोलीबारी सिर्फ पुंछ, बारामूला, कुपवाड़ा और बांडीपोरा में नियंत्रण रेखा तक सीमित थी।

मंगलवार की रात को पाकिस्तानी सैनिकों ने राजौरी में एलओसी पर सुंदरबनी व नौशहरा में, पुंछ के मेंढर, कश्मीर में बारामुला के अंतर्गत रामपुर उड़ी में, कुपवाड़ा में टीएमजी व टंगडार में और जम्मू के निकट परगवाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की। भारतीय जवानों ने भी इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया है। बुधवार सुबह तक रुक-रुककर गोलीबारी होती रही।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि गोलीबारी में भारतीय सेना को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। पाकिस्तानी सेना को हुए नुकसान के बारे में भी कोई इनपुट नहीं हैं।

युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहती है पाकिस्तान सेना

पकिस्तानी सेना द्वारा एलओसी के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह 24 अप्रैल से लगातार स्थिति का आकलन कर रहे हैं।

गोलीबारी रात को ही हो रही है। इससे इस बात की आशंका है कि पाकिस्तानी सैनिक हमारे जवानों का ध्यान भटकाकर आतंकियों की सुरक्षित घुसपैठ करा रहे हैं। इसे देखते हुए अग्रिम इलाकों में घुसपैठरोधी तंत्र को और मजबूत बनाया गया है। घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं

सीमा पर तनाव की स्थिति

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी का मतलब है कि पाकिस्तानी सेना तनाव को अब और बढ़ाते हुए युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सभी फील्ड कमांडरों को निर्देश हैं कि वह अपने कार्याधिकार में दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का तत्काल मुंहतोड़ जवाब दें। हमारे सुरक्षाबल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

इन क्षेत्रों में पाकिस्तान ने चौकियों से उतारे झंडे एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी रेंजरों ने अपनी अग्रिम चौकियों, विशेषकर जो जम्मू में आरएसपुरा, रामगढ़ और अखनूर सेक्टर के सामने हैं, से अपने झंडे उतार लिए हैं।

पाकिस्तानी रेंजरों के अलावा पाकिस्तानी नागरिकों की दिन में आवाजाही भी अब कम देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने अग्रिम इलाकों में अपने तोपखाने और टैंकों को तैनात कर दिया है।