
गाजियाबाद में आयुष्मान कार्ड और नेहा के प्यार ने सुमित को नई जिंदगी दी। किडनी फेल होने के बाद आयुष्मान कार्ड के जरिए यशोदा अस्पताल में मुफ्त ट्रांसप्लांट हुआ। पत्नी नेहा ने किडनी दान की। इस योजना से 67616 कार्ड धारकों का इलाज हुआ है जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिली है। आइए जानते हैं आयुष्मान भारत योजना के बारे में...
गाजियाबाद। आयुष्मान कार्ड और नेहा के प्यार से सुमित को नई जिंदगी मिल गई है।मुरादाबाद की तहसील बिलारी के गांव सरथल के रहने वाले सुमित गुरुग्राम में एक निजी कंपनी में कार्यरत है।
सुमित के पेट में दर्द होने के बाद शरीर कमजोर होने लगा। चिकित्सक से जांच कराई तो दोनों किडनी फेल पाई गईं। वह घबरा गया। खर्चा अधिक बताने पर वह गांव लौट गया और वहां पता चला कि उसका आयुष्मान कार्ड बना हुआ है।
सुमित और नेहा ने की थी लव मैरिज
कार्ड लेकर सुमित सीधे यशोदा हॉस्पिटल पहुंचा। 11 फरवरी 2025 को सुमित को भर्ती करते हुए चिकित्सकों ने 13 फरवरी को सफल किडनी ट्रांसप्लांट कर दी। किडनी पत्नी नेहा ने दी है। दोनों का प्रेम विवाह हुआ है। दोनों बेहद खुश है।
सुमित का कहना है कि कार्ड से निश्शुल्क ऑपरेशन हुआ है। सुमित ही नहीं 19 वर्षीय पारस बालियान और नाजिस का भी दर्द दूर हो गया है। दरअसल इन दोनों ने भी आयुष्मान कार्ड दिखाकर कौशांबी के मंहगे प्राइवेट यशोदा हास्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट करवाई है।
वरदान साबित हुई आयुष्मान भारत योजना
उक्त तीनों का ऑपरेशन डॉ. प्रजीत मजूमदार और डॉ. वैभव सक्सेना ने किया है। तीनों अब पहले जैसी जिंदगी जी रहे हैं। पारस बालियान ने बताया कि वह पिता के साथ इन दिनों खेत में काम करवा रहे हैं। पारस को किडनी पिता ने दी है। इसका ही असर है कि दर्द से कराहते मरीजों के लिए आयुष्मान भारत योजना वरदान साबित हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार विगत सात साल में 67616 कार्ड धारकों का इलाज निश्शुल्क हुआ है। इनमें पथरी के आपरेशन से लेकर कूल्हे का आपरेशन भी शामिल है। किडनी ट्रांसप्लांट के साथ कैंसर का भी इलाज शामिल है। सबसे अधिक सिजेरियन प्रसव, पथरी का आपरेशन एवं हाथ व पैर की हड्डियों का आपरेशन शामिल हैं।
जिले के 105 अस्पतालों में कार्ड धारकों का इलाज होता है। सामान्य ही नहीं गंभीर बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है। - डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ
जानिए योजना के बारे में
आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है जिसे 23 सितम्बर, 2018 को पूरे भारत में लागू किया गया था। 2028 के बजट सत्र में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस योजना की घोषणा की थी।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर, 2024 को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाइ) के बड़े विस्तार को मंजूरी दी थी।
इस निर्णय के तहत, 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आय की परवाह किए बिना स्वास्थ्य कवरेज मिलेगा। 2022 में उत्तर प्रदेश में छह या छह से अधिक लोगों के एक राशन कार्ड पर नाम होने पर भी कार्ड बनाने के आदेश जारी किए गए थे। योजना में कार्ड धारक को पांच लाख का मेडिक्लेम मिलता है।
योजना के बारे में खास जानकारी
- अब तक 67616 कार्ड धारकों का इलाज हुआ है
- 98 प्राइवेट अस्पतालों में कार्ड धारकों का निश्शुल्क इलाज होता है
- स्वास्थ्य विभाग अब तक 85.56 करोड़ रुपये का भुगतान अस्पतालों को कर चुका है
- जिले में कुल 774998 लोग लाभार्थी है
- इनमें से 598788 लोगों के कार्ड बन गए है।
- 176210 लोगों के कार्ड बनने शेष है
- जिले में 21 सरकारी और 84 प्राइवेट अस्पतालों में कार्ड धारकों का इलाज होता है।
- 21483 वरिष्ठ नागरिकों के कार्ड बनाए गए है
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