
देश की शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 28 मार्च तक विशेष बच्चों के लिए स्वीकृत शिक्षकों के पदों को अधिसूचित कराने का निर्देश दिया है। राज्यों को तुरंत भर्ती विज्ञापन जारी करके चयन प्रक्रिया शुरू करनी होगी। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र से विशेष बच्चों वाले ऐसे विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात तय को कहा था।
जोधपुर। देश की शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 28 मार्च तक विशेष बच्चों के लिए स्वीकृत शिक्षकों के पदों को अधिसूचित कराने का निर्देश दिया है। राज्यों को तुरंत भर्ती विज्ञापन जारी करके चयन प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र से विशेष बच्चों वाले ऐसे विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात तय को कहा था। अदालत ने यह भी कहा कि ज्यादातर राज्यों ने आवश्यक स्वीकृत पदों की पहचान तक भी नहीं की है।
सभी को शिक्षा हासिल करने का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के हर नागरिक को जीने के अधिकार के साथ-साथ शिक्षा हासिल करने का भी अधिकार है। उनकी शिक्षा को शारीरिक जरूरत के मुताबिक व्यवस्थित करने का दायित्व सरकारों का है। राज्य सरकारें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य योजना बनाने में अभी तक कोई खास प्रभावी कदम नहीं उठा पाई हैं।
किसी राज्य ने भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू की
विपिन शर्मा और अन्य की याचिका पर जस्टिस सुधांशु धूलिया और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने कहा कि 2021 के फैसले के बावजूद किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने न तो निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया और न ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की। अब अदालत ने 28 मार्च 2025 तक पदों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया है।
राजस्थान में पद स्वीकृत... मगर भर्ती नहीं
राजस्थान में 71929 सरकारी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चे पढ़ रहे हैं। अनुपातिक निर्धारण से बहुत कम संख्या में तृतीय श्रेणी और वरिष्ठ शिक्षा के विशेष पद तो स्वीकृत है। मगर व्याख्याता, विशेष शिक्षा के पद नियम निर्धारण के बावजूद विज्ञापित नहीं किए गए हैं।
विपिन शर्मा का कहना है कि मैंने राजस्थान नि:शक्तजन आयुक्त के न्यायालय में विशेष शिक्षा के व्याख्याता पदस्थापित करने हेतु वाद दायर किया गया। वाद के फैसले में न्यायालय ने 3 फरवरी 2025 को राज्य सरकार और निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को व्याख्याता के पद सृजित कर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया है।
शिक्षक संघों ने फैसले का किया स्वागत
जोधपुर जिले में संचालित विशेष शिक्षा शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े शिक्षाविद मारवाड़ विनर्स सोयला के डॉ. गणपत राम, धीरेन्द्र सृजन शिक्षण संस्थान के गजेंद्र चौधरी, डॉ शेषनाथ, तिंवरी से पीराराम सियोल ने कहा कि न्यायालय का यह आदेश विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के जीवन को परिमार्जित करेगा। अगर राज्य सरकारों ने इस संबंध में प्रभावी कदम नहीं उठाया तो 15 जुलाई की सुनवाई में उन्हें अवमानना का सामना करना पड़ सकता है।
विशेष शिक्षा शिक्षक संघ जोधपुर से जुड़े शिक्षकों ने इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा है कि फैसले में दिए गए छात्र शिक्षक अनुपात 1:10 का अनुसरण करते हुए शीघ्र पद निर्धारण करके भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा विशेष शिक्षकों के लिए निर्धारित योग्यता धारी शिक्षकों की भर्ती जल्द की जानी चाहिए।
- Log in to post comments