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महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ की घटना को योगी सरकार ने संभाला कैसे संभाला सीएम योगी ने इसे विस्तार से बताया है। (CM Yogi) सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना को हाईलाइट करने से रोका गया था। भगदड़ की घटना को लेकर पैनिक (तनाव) को कम करने के लिए सरकार ने त्वरित कार्रवाई की थी।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना को हाईलाइट करने से रोका गया था। भगदड़ की घटना को लेकर पैनिक (तनाव) को कम करने के लिए सरकार ने त्वरित कार्रवाई की थी।

घटना के तत्काल बाद उन्होंने महाकुंभ मेले की कमान अपने हाथों में लेकर अखाड़ों से स्नान को कुछ समय के लिए स्थगित करने का निवेदन किया था। उस समय प्रयागराज में आठ करोड़ श्रृद्धालु व संतों की भीड़ एकत्र थी। स्थिति पर नियंत्रण के बाद संतों ने अगले दिन स्नान किया।

अखाड़ों का स्नान सबसे बड़ी चुनौती होती है- योगी

सोमवार को अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री ने आइआइएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) व भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के साथ महाकुंभ के सफल आयोजन द्वारा राष्ट्र निर्माण विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि महाकुंभ में अखाड़ों का स्नान सबसे बड़ी चुनौती होता है।

पहले स्नान को लेकर अखाड़ों के बीच मारकाट होती थी। घटना के बाद कॉरीडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। भगदड़ में कुछ लोगों की मृत्यु भी हो गई। विपरीत परिस्थिति में निर्णय लेने का सामर्थ्य विकसित करना एक चुनौती होता है। हमने संतों, श्रद्धालुजन व व्यवस्था से जुड़े लोगों के साथ संवाद स्थापित कर महाकुंभ का सकुशल आयोजन किया।

2013 में सीएम योगी ने गंगा में किया था स्नान

उन्होंने कहा कि कुंभ सामान्य रूप से हजारों वर्षों की भारत की विरासत का हिस्सा रहा है। लोग कुंभ का मतलब भगदड़, अव्यवस्था, गंदगी मान चुके थे, हमने लोगों की इस धारणा को बदला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 में आयोजित कुंभ में मारीशस के प्रधानमंत्री ने गंदगी देखकर गंगा स्नान करने से मना कर दिया था और टिप्पणी की थी कि क्या यही गंगा हैं, फिर दूर से प्रणाम करके चले गए थे।

एक लाख शौचालय टैंक तैयार किए गए

उन्होंने कहा कि पहले शौचालय शीट को बालू में ऐसे ही डाल दिया जाता था। कुछ दिन बाद बदबू, मक्खी, मच्छर और बीमारी फैलती थी। इस बार एक लाख शौचालय टैंक तैयार कराए गए। एक भी शौचालय का पानी गंगा-यमुना में नहीं जाने दिया गया।

आपात स्थिति में पुलिस की भूमिका अहम- योगी

उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति को संभालने में पुलिस की भूमिका सबसे अहम होती है। महाकुंभ में इतनी भीड़ का अंदाजा नहीं था। श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले का दायरा बढ़ाने सहित सभी व्यवस्थाओं पर काम किया गया था।

पांच हजार एकड़ में हर रूट पर छह अलग-अलग पार्किंग स्थल बनाए गए। इसमें छह लाख बस व चार पहिया वाहनों को खड़ा करने की सुविधा दी गई थी। मीरजापुर, भदोही, कौशांबी, जौनपुर, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, रायबरेली में भी पार्किंग स्थल तैयार किए गए थे। वर्ष 2013 के कुंभ में रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 42 लोगों की मौत हुई थी। उस घटना से सबक लेते हुए प्रयागराज मुख्य जंक्शन के साथ नौ अन्य रेलवे स्टेशनों व एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया गया।

सरकार ने महाकुंभ से प्रदेश-देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया- योगी

योगी ने कहा कि इस बार सरकार ने महाकुंभ से देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया। पहले बसंत पंचमी स्नान के बाद मेला समाप्त हो जाता था। पहली बार महाकुंभ मेला महाशिवरात्रि तक चला। उन्होंने कहा कि लगभग 100 से अधिक देशों के नेता व उच्चाधिकारियों सहित श्रृद्धालुओं ने भाग लिया। अद्भुत संगम के दृश्य को देखकर हर कोई अभिभूत था।

यूनेस्को वर्ष 2023 से देखना चाहता था कि इतने बड़े आयोजन से पर्यावरणीय असर क्या पड़ेगा। पहले दिन से ही इस बात का ध्यान रखा गया कि गंगा- यमुना नदी में कोई नाला या सीवर लीक न होने पाए। प्रदेश में गंगा नदी का सबसे संवेदनशील प्वाइंट कानपुर है।

चार करोड़ लीटर सीवर हर रोज गंगा में गिरता था- सीएम

सीसामऊ के पास चार करोड़ लीटर सीवर प्रतिदिन गंगा नदी में गिरता था। आज वहां से एक भी बूंद गंदा पानी नहीं गिरता है। सीपीसीबी ने जल स्वच्छ होने की बात स्वीकार की है। कहा कि जो जिस भाव से गया, उसे वैसी दृष्टि व सृष्टि मिली। महाकुंभ सबक देता है कि हमें ऐसे आयोजन के साथ धैर्य के साथ जुड़ना होगा और प्रकृति के नियमों का पालन करना पड़ेगा।

एक भारत-श्रेष्ठ भारत की अभिव्यक्ति का भी माध्यम बना महाकुंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ''''एक भारत-श्रेष्ठ भारत'''' की अभिव्यक्ति का भी माध्यम बना। जाति, धर्म, भाषा, पंथ के भेद से मुक्त नदी के एक ही घाट पर सभी लोग पवित्र भावना के साथ डुबकी लगा रहे थे। केंद्र व राज्य सरकार ने साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए। पहली बार एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ कुंभ क्षेत्र को कवर किया गया था।

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