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बस कंडक्टर पर हमले मामले में नयी जानकारी सामने आई है। मामले में पीड़िता के परिवार ने कंडक्टर के खिलाफ केस वापस लेने का फैसला किया है। परिवार ने इस बात की जानकारी एक वीडियो जारी कर के दी। परिवार ने कहा कि वह किसी के दबाव में ऐसा नहीं कर रहे हैं। परिवार ने कहा कि इस घटना ने दो राज्यों के बीच विवाद पैदा कर दिया।
नई दिल्ली। बस कंडक्टर पर हमले मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। जानकारी के अनुसार जिस नाबालिग लड़की के शिकायत के बाद बस कंडक्टर के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया, अब उसके परिवार ने केस वापस लेने का फैसला किया है।
दरअसल, कथित तौर पर पीड़िता के परिवार के लोगों ने एक वीडियो साझा कर उन्होंने मामला वापस लेने का फैसला किया है। इसके साथ उन्होंने इस मामले को बढ़ाना बंद करने का अनुरोध किया है जो कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच भाषा का मुद्दा बन गया है।
मामले में अब तक चार गिरफ्तार
राज्य परिवहन निगम की बस के कंडक्टर पर यात्री को मराठी में जवाब न देने पर हमला करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ समय बाद लड़की ने बस कंडक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि बस कंडक्टर ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया है। इस शिकायत के आधार पर कंडक्टर के खिलाफ यौन अपराधों के तहत बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
घटना के बाद बढ़ा तनाव
जानकारी दें कि शुक्रवार को महाराष्ट्र की सीमा से लगे बेलगावी जिला मुख्यालय शहर के बाहरी इलाके में हुई यह घटना अब दोनों राज्यों के बीच तनाव का कारण बन गई है। बता दें कि एमएसआरटीसी बस पर हमले के बाद महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने शनिवार को कर्नाटक में राज्य परिवहन की बसों को निलंबित करने का आदेश दिया था।
पीड़िता के परिवार ने जारी किया वीडियो
बढ़ते विवाद के बीच पीड़िता की मां ने कथित तौर पर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में एक महिला कहते नजर आ रही है कि जब उसका बेटा और बेटी अस्पताल से इलाज के बाद बेलगावी से बालेकुंडरी आ रहे थे, तो बस टिकट के मुद्दे पर विवाद हुआ, जिसे गलत तरीके से कन्नड़ और मराठी का मुद्दा बताया जा रहा है।
महिला ने कहा कि हम कन्नड़ से भी प्यार करते हैं, इसमें कोई भेदभाव नहीं है। कन्नड़ और मराठी के नाम पर बेवजह झूठा प्रचार किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि परिवार इस बात से परेशान है कि इस घटना ने दोनों राज्यों के बीच तनाव पैदा कर दिया है।
दो राज्यों में भाषा को लेकर तनाव
वहीं, इस वीडियो में महिला ने कहा कि हम इस बात से परेशान हैं कि इस मुद्दे ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच दरार पैदा कर दी है। हमारे मन में कन्नड़ या मराठी के प्रति कोई भेदभाव नहीं है। हम भी कन्नड़ हैं, हमारी भाषा मराठी हो सकती है। परिवार ने यह भी कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से केस वापस लेने का फैसला किया है और सभी से अनुरोध किया है कि मामले को आगे न बढ़ाया जाए।
परिवार ने केस वापस लेने का फैसला किया
महिला ने वीडियो में कहा कि हमारी बेटी के साथ अन्याय हुआ है, स्थिति को देखते हुए हम केस वापस लेंगे, हम यह सब रोकने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि केस वापस लेने के लिए किसी की ओर से कोई दबाव नहीं है, हम स्वेच्छा से केस वापस ले रहे हैं।
अधिकारियों ने क्या कहा?
उधर, बस कंडक्टर के खिलाफ पोक्सो केस वापस लिए जाने के सवाल पर बेलगावी पुलिस कमिश्नर इदा मार्टिन मारबानियांग ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से वीडियो स्टेटमेंट मिला है, जिसमें लड़की के परिवार ने कहा है कि वे केस वापस लेना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक इस संबंध में पुलिस से संपर्क नहीं किया है।
आगे उन्होंने बताया कि सबसे पहले, उन्हें (पीड़िता के परिवार को) पुलिस स्टेशन में आधिकारिक तौर पर बयान दर्ज कराना होगा। केस को बंद करने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि उनके बयान दर्ज होने के बाद ही यह किया जाएगा।
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