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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा से भी मुलाकात की और उसमें भी जी-20 का मुद्दा उठा। यह ट्रंप को भारत के जवाब देने का अंदाज है कि वह ब्रिक्स को लेकर हमेशा गंभीर रहेगा। यूएसएआईडी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के लोगों द्वारा कुछ जानकारी सामने रखी गई है और जाहिर है यह चिंताजनक है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस तरह से कई मुद्दों पर भारत सरकार को असहज करने वाली स्थिति में डालने वाले बयान दे रहे हैं उन सभी पर भारत बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दे रहा है। कुछ मुद्दों पर तो भारत सरकार की तरफ से तो आधिकारिक बयान भी नहीं आ रहे। लेकिन कुछ मुद्दे जो ट्रंप उठा रहे हैं उन्हें भारत कूटनीतिक भाषा में सधा हुआ जवाब दे रहा है।

इसमें एक मुद्दा है ब्रिक्स जैसे संगठन के खत्म होने की। 20-21 फरवरी, 2025 को दक्षिण अफ्रीका में जी-20 बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों से अलग-अलग बैठक की और इन सभी बैठकों में ब्रिक्स संगठन को मजबूत बनाने और भावी एजेंडे को लेकर बात हुई है।

भारत ने ट्रंप को दिया जवाब

जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा से भी मुलाकात की और उसमें भी जी-20 का मुद्दा उठा। यह ट्रंप को भारत के जवाब देने का अंदाज है कि वह ब्रिक्स को लेकर हमेशा गंभीर रहेगा।

कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि भारत का हमेशा से यह आधिकारिक पक्ष रहा है कि ब्रिक्स संगठन किसी भी देश के खिलाफ नहीं है बल्कि यह सदस्य देशों के बीच बेहतर विश्वास बहाली का काम करता है। इसी आधार पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह कहा कि दुनिया आज ज्यादा बंटवारे और धुव्रीकरण की तरफ बढ़ रही है।

भारत और चीन के बीच हुई दो बार बैठक

ऐसे में भारत व चीन दोनों जी-20, एससीओ और ब्रिक्स जैसे संगठनों में सहयोग कर रहे हैं। चीन के साथ लगातार उच्च अधिकारियों की हो रही वार्ता भी भारत के इस रूख को बताता है कि वह हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक गतिविधियों के खिलाफ अमेरिका के साथ मिल कर क्वाड में करता रहेगा, लेकिन साथ ही पड़ोसी देश चीन के साथ भी रिश्ते सुधारने की कोशिश जारी रहेगी। पिछले चार महीने में भारत व चीन के विदेश मंत्रियों की दो बार, दोनों देशों के एनएसए की एक बार और विदेश सचिव स्तर की एक बार बैठक हो चुकी है।

ब्राजील कर रहा ब्रिक्स की अध्यक्षता

ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा के साथ जयशंकर की हुई वार्ता में आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर भी विमर्श हुआ है। इस बार ब्रिक्स की अध्यक्षता ब्राजील कर रहा है। शिखर सम्मेलन 6-7 जुलाई, 2025 को रियो डी जेनेरो में होने वाली है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी के भी हिस्सा लेने की पूरी संभावना है। उसके ठीक पहले इसके विदेश मंत्रियों की भी अलग से बैठक होगी।

ट्रंप ने ब्रिक्स को लेकर दिया था बयान

सनद रहे कि ब्रिक्स की शुरुआत भारत, चीन और रूस ने की थी और बाद में इसमें ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका को जोड़ा गया था। अब इसमें यूएई, ईरान, मिस्त्र, इथीयोपिया, नाइजीरिया और इंडोनेशिया को भी शामिल किया गया है। ट्रंप ने राष्ट्रपति 20 जनवरी, 2025 को दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद दो बार ब्रिक्स पर सवाल उठा चुके हैं। एक बार उन्होंने कहा कि ब्रिक्स समाप्त हो गया है। यह बात उन्होंने ब्रिक्स के सदस्य देशों भारत, ब्राजील व चीन पर ज्यादा टैक्स लगाने के संदर्भ में कही थी।

USAID पर विदेश मंत्री का बयान आया सामने

एस जयशंकर ने यूएसएआईडी पर अपनी बातों को रखा है। यूएसएआईडी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के लोगों द्वारा कुछ जानकारी सामने रखी गई है और जाहिर है, यह चिंताजनक है। मुझे लगता है कि सरकार के तौर पर हम इसकी जांच कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि तथ्य सामने आएंगे। यूएसएआईडी को सद्भावना के साथ, सद्भावनापूर्ण गतिविधियां करने की अनुमति दी गई थी; अब अमेरिका से सुझाव दिए जा रहे हैं कि ऐसी गतिविधियां हैं जो दुर्भावनापूर्ण हैं। यह चिंताजनक है, और अगर इसमें कुछ है, तो देश को पता होना चाहिए कि इसमें कौन लोग शामिल हैं।

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