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मणिपुर में 9 फरवरी को एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी गई थी। अब राज्यपाल की तरफ से हिंसा में शामिल लोगों को अल्टीमेटम दिया गया है। राज्यपाल ने कहा कि लूटे हुए और गैरकानूनी तरीके से रखे गए हथियारों और गोला-बारूद को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर कर दिया जाए।
नई दिल्ली। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद गवर्नर अजय कुमार भल्ला की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इसमें मणिपुर की सभी कम्युनिटी से लूटे हुए और गैरकानूनी तरीके से रखे गए हथियारों और गोला-बारूद को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा गया है।
गर्वनर ने कहा है कि डेडलाइन के अंदर हथियार लौटाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ में ये भी कहा गया है कि अगर कोई 7 दिन की डेडलाइन के बाद भी लूटे या गैरकानूनी हथियार रखता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
9 फरवरी को सीएम ने दिया था इस्तीफा
बता दें कि मणिपुर में पिछले 2 साल से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।
शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की एक श्रृंखला के कारण घाटी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों में मणिपुर के लोगों को पिछले 20 महीनों से भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। सामान्य स्थिति बहाल करने के व्यापक हित में राज्य के सभी समुदायों को शत्रुता की समाप्ति और समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए आगे आना चाहिए, ताकि लोग अपनी सामान्य दैनिक गतिविधियों में लौट सकें।
- गवर्नर अजय कुमार भल्ल
मणिपुर में नेतृत्व संकट के बीच कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। संविधान के अनुसार, विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा अवधि नहीं होनी चाहिए। 12वीं मणिपुर विधानसभा का पिछला सत्र 12 अगस्त 2024 को संपन्न हुआ था, जबकि 10 फरवरी से शुरू होने वाले सातवें सत्र को राज्यपाल स्थगित कर चुके हैं।
हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां
- इंफाल पश्चिम जिले में कुछ दिनों पहले अलग-अलग अभियानों में कथित तौर पर जबरन वसूली में शामिल तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। दूसरी ओर, कांगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों ने छह एकड़ में लगी अवैध अफीम की खेती नष्ट कर दी है।
- बता दें कि राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की ओर से किसी दुस्साहसिक वारदात को टालने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि राज्य प्रशासन को तीन मई, 2023 से अवैध घुसपैठ से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
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