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दिल्ली में जल्द ही नई सरकार का गठन होगा। सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी 19 फरवरी को सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। इसके बाद 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होगा। रामलीला मैदान से पूरे देश में बदलाव का एक संदेश गया था। केजरीवाल और उनकी पूरी टीम को यहीं से विशेष पहचान भी मिली।

नई दिल्ली।  दिल्ली में जल्द ही नई सरकार का गठन होगा। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी 19 फरवरी को सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। इसके बाद 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। दिल्ली में बीजेपी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को होगी। यह शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होगा

रामलीला मैदान नई दिल्ली का एक विशाल मैदान है, जिसमें परम्परागत रूप से रामलीला का आयोजन होता रहा है। यह मैदान धार्मिक त्योहारों, प्रमुख राजनैतिक रैलियों/बैठकों और मनोरंजन के कार्यक्रमों के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। यह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और दिल्ली गेट के पास स्थित है। यहां पर भारी संख्या में लोग आते हैं। इसकी क्षमता 1 लाख तक है।

केजरीवाल ने भी इसी मैदान पर ली थी शपथ

यही वह रामलीला मैदान है, जिसने रातोंरात केजरीवाल को दिल्ली ही नहीं देश और दुनिया भर में एक पहचान दी। अन्ना आंदोलन के दौरान उन्होंने यहीं से सुर्खियां बटोरीं थी। उनके लिए यह सुखद संयोग है इसी रामलीला मैदान में वे तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर नए युग की शुरुआत की थी। इससे पहले उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल कानून की मांग को लेकर इसी मैदान पर कई दिनों तक अनशन की थी। पूरी दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से लोग उनके समर्थन में यहां पहुंचे थे।

केजरीवाल दूसरे सीएम, जिनका शपथ ग्रहण राजभवन में नहीं हुआ

अरविंद केजरीवाल के सियासी जीवन में रामलीला मैदान की खास अहमियत है। रामलीला मैदान से पूरे देश में बदलाव का एक संदेश गया था। केजरीवाल और उनकी पूरी टीम को यहीं से विशेष पहचान भी मिली। भाजपा के साहिब सिंह वर्मा के बाद केजरीवाल दूसरे मुख्यमंत्री थे, जिन्हें राजनिवास में शपथ नहीं दिलाई गई। साहिब सिंह वर्मा को छत्रसाल स्टेडियम में शपथ दिलाई गई थी, तो केजरीवाल को रामलीला मैदान में।

जीत को बड़े स्तर पर सेलिब्रेट करने में जुटी बीजेपी

अब एक बार फिर बीजेपी के मुख्यमंत्री का उसी ऐतिहासिक मैदान में शपथ ग्रहण होगा, जहां से केजरीवाल को राजनीतिक पटल पर उभरने का मौका मिला था और जहां से उन्हें राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली की सत्ता में लौटी है। ऐसे में वह इस जीत को बड़े स्तर पर सेलिब्रेट करने की कोशिश करने में जुटी है। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

बीजेपी ने 27 साल बाद की दिल्ली में वापसी

बता दें, दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों में से 48 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही मिली हैं। वहीं पर कांग्रेस का लगातार तीसरी बार खाता नहीं खुला। बीजेपी के सामने सरकार गठन के साथ ही कई चुनौतियां खड़ी हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करेगी की बीजेपी सभी वादों को पूरा करे।

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