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इस बार नगर निगम चुनाव में भाजपा ने नए चेहरों पर भरोसा जताया है। भाजपा के पुराने पूर्व पार्षदों की बात करें तो सिर्फ पांच को ही टिकट मिला है। यानी कुल 36 वार्डों में से 31 वार्डों में नए प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। पुराने पार्षदों में वार्ड 9 से ब्रह्म यादव वार्ड 11 से कुलदीप यादव वार्ड 24 से आरती यादव को भाजपा का टिकट मिला है।

गुरुग्राम। लंबे इंतजार और कयासों पर विराम लगाते हुए भाजपा ने शनिवार सुबह गुरुग्राम नगर निगम चुनाव  के लिए वार्ड पार्षद प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगा दी। मेयर पद के प्रत्याशी की घोषणा शुक्रवार रात को ही कर दी गई थी।

भाजपा ने नए चेहरों पर जताया भरोसा

खास बात यह है कि इस बार नगर निगम चुनाव में भाजपा ने नए चेहरों पर भरोसा जताया है। भाजपा के पुराने पूर्व पार्षदों की बात करें तो सिर्फ पांच को ही टिकट मिला है। यानी कुल 36 वार्डों में से 31 वार्डों में नए प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।

पुराने पार्षदों में वार्ड 9 से ब्रह्म यादव, वार्ड 11 से कुलदीप यादव, वार्ड 24 से आरती यादव, वार्ड 25 से अनूप सिंह और वार्ड 28 से धर्मबीर को भाजपा का टिकट मिला है।

वहीं, कई पुराने चेहरे ऐसे हैं जो 2017 का चुनाव निर्दलीय लड़े थे और इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है। वार्ड 30 से मधु बत्रा (पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा की पत्नी) ने 2017 का निगम चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीता था।

वार्ड 31 से दिलीप कुमार साहनी को टिकट मिला है। 2017 के चुनाव में उनकी पत्नी रजनी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और भाजपा की गीता रानी को 2984 वोटों से हराया था। वार्ड 33 से शीतल बागड़ी और वार्ड 36 से पूर्व पार्षद दिनेश सैनी की पत्नी रेखा सैनी को भाजपा ने टिकट दिया है।

दिनेश सैनी ने 2017 का निगम चुनाव पुराने वार्ड आठ से निर्दलीय उम्मीदवा के तौर पर लड़ा था और 98 वोटों से जीत हासिल की थी। शीतल बागड़ी ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।

2017 में जीता चुनाव, इस बार कटी टिकट

2017 के नगर निगम गुरुग्राम चुनाव में भाजपा के टिकट पर 14 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार कई के टिकट काट दिए गए हैं। पुराने वार्ड दो से शंकुतला यादव ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और 2010 वोटों से जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।

इसी तरह पुराने वार्ड तीन से रविंद्र यादव भाजपा के टिकट पर 1249 वोटों से जीतकर निगम सदन पहुंचे थे, लेकिन इस बार वह टिकट की दौड़ में पिछड़ गए। पूर्व मेयर विमल यादव की पत्नी रिंपल यादव को पुराने वार्ड पांच से टिकट मिला था और वह 906 वोटों से जीती थीं।

इस बार उन्हें भाजपा का टिकट नहीं मिला। पुराने वार्ड 23 से अश्विनी शर्मा और वार्ड 33 से सुनीता भाजपा के टिकट पर विजयी रहे थे, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिल सका।

2017 में भाजपा ने 14 सीटों पर किया था कब्जा

2017 के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने कुल 35 सीटों में से 14 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने अपने सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा था, इसलिए निर्दलीय उम्मीदवार ज़्यादा जीते थे। उनमें से कई बाद में भाजपा में शामिल हो गए। जिसके बाद निगम सदन में भाजपा के कुल 27 सदस्य हो गए।

ये हैं भाजपा वार्ड पार्षद प्रत्याशी

वार्ड एक से सुंदर सिंह, वार्ड दो से ज्योत्सना, वार्ड तीन से पवन यादव, वार्ड चार से संदीप यादव, वार्ड पांच से राकेश राणा, वार्ड छह से एकता त्यागी, वार्ड सात से मुकेश कौशिक, वार्ड आठ से नरेश कटारिया, वार्ड नौ से ब्रह्मा यादव, वार्ड दस से अजीत यादव को टिकट मिला है।

वहीं, वार्ड 11 से कुलदीप यादव, वार्ड 12 से सीमा, वार्ड 13 से पवन सैनी, वार्ड 14 से प्रथम वशिष्ठ, वार्ड 15 से भारती हरसाना, वार्ड 16 से विक्रम जीत, वार्ड 17 से आंचल भाटी, वार्ड 18 से प्रिया, वार्ड 19 से अमित राज सिंह भड़ाना, वार्ड 20 से नारायण भड़ाना, वार्ड 21 से सोनिया यादव, वार्ड 22 से विकास यादव, वार्ड 23 से कुलदीप यादव, वार्ड 24 से आरती यादव, वार्ड 25 से अनूप पर बीजेपी ने भरोसा जताया है।

वार्ड 26 से सुनीता रानी, ​​वार्ड 27 से चंचल कौशिक, वार्ड 28 से धर्मवीर, वार्ड 29 से उषा, वार्ड 29 से मधु बत्रा 30 से दिलीप कुमार साहनी, वार्ड 31 से विजय परमार, वार्ड 33 से शीतल बागड़ी, सुरेखा चौहान, वार्ड 35 से वरुण कौशिक और वार्ड 36 से रेखा सैनी को भाजपा का टिकट मिला है।

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