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महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भीड़ प्रबंधन की मजबूत योजना बनाई गई है। श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में ज्यादा देर तक नहीं रोका जाएगा और स्नान घाट को लगातार खाली कराया जाएगा। बैरिकेडिंग साइनेज और पुलिस बल में वृद्धि जैसे उपाय किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिए CCTV इनपुट के आधार पर व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा।

महाकुंभनगर। वसंत पंचमी पर नहीं होगी मौनी अमावस्या जैसी चूक। भीड़ प्रबंधन के लिए योजना बनाई गई है मजबूत। पिछले मुख्य स्नान पर्व पर हुई भगदड़ ने महाकुंभ मेले की छवि पर काफी असर डाला।

ऐसे में पुलिस अधिकारियों तैयारियों की फिर से समीक्षा की। इसके बाद सड़क से लेकर संगम तट तक भौगोलिक स्थिति को बारीकी से समझा। मौनी अमावस्या पर हुई चूक की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कई स्तरीय आपातकालीन योजना बनाई गई।

मेला क्षेत्र में ज्यादा देर तक नहीं रुकेंगे श्रद्धालु

यह भी तय किया गया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को मेला क्षेत्र में ज्यादा देर तक रुकने नहीं देना है। स्नान घाट को भी लगातार खाली कराया जाता रहेगा। इसके लिए बैरिकेडिंग करने, साइनेज लगाने, पुलिस बल को बढ़ाने सहित कई उपाय किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित ढंग से स्नान करवाकर उनके गंतव्य तक सकुशल पहुंचाया जा सके।

महाकुंभ पुलिस और कमिश्नरेट प्रयागराज के साथ ही रेंज व जोन के पुलिस के बीच भी लगातार समन्वय स्थापित करते हुए भीड़ और यातायात प्रबंधन को कुशल बनाने पर भी जोर दिया गया है।

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर सीसीटीवी के माध्यम से आने वाले इनपुट के आधार पर तत्काल व्यवस्था में बदलाव का भी प्लान बनाया है। पूरे मेला क्षेत्र में अलग-अलग ड्यूटी प्वाइंट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी बाकायदा ब्रीफ किया गया है, जिससे असहज स्थिति न उत्पन्न होने पाए।

मौनी पर यह हुई थी चूक-

  • संगम जाने वाले मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ बाहर भी लगातार निकलती रही।
  • भीड़ बढ़ने पर स्नानार्थियों द्वारा तोड़ी गई बैरिकेडिंग पर ध्यान नहीं दिया गया।
  • रोड पटरी से लेकर संगम तट पर श्रद्धालुओं को विश्राम करने व सोने दिया गया।
  • आने-जाने वाले मार्गों पर पर्याप्त साइनेज नहीं लगाए गए, जिससे परेशानी हुई।
  • संगम तट को तीन जोन में बांटा गया, लेकिन समुचित व्यवस्था में कमी रह गई।

यह बनाई गई व्यवस्था-

  • एकल मार्ग से ही श्रद्धालुओं का आवागमन। इसका सख्ती से कराया जा रहा पालन।
  • एक दिन पहले ही मेला क्षेत्र में पहुंचे श्रद्धालुओं को स्नान कराकर वापस करने पर जोर।
  • संगम तट पर पांच स्थानों को चिन्हित करते हुए भीड़ प्रबंधन के लिए बैरिकेडिंग लगाई।
  • प्रवेश मार्ग पर पैरामिलिट्री फोर्स और ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त जवान तैनात किए गए।
  • हैंड लाउडर के माध्यम से लगातार श्रद्धालुओं को उनकी सुविधा के बारे में बताया जा रहा।

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