Waqf Amendment Bill जेपीसी की बैठक खत्म हो चुकी है। एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया। हालांकि समिति के फैसले से विपक्षा सांसद ने नाराजगी जाहिर की है। सांसदों ने आरोप लगाया कि उन्हें कल शाम (28 जनवरी) 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली और उन्हें इसका अध्ययन करने और सिफारिशें करने का समय ही नहीं मिला।
वक्फ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी की बैठक समाप्त हो चुकी है। संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार को सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, समिति के फैसलों से विपक्षी सांसद नाराज हैं।
हमें रिपोर्ट को पढ़ने का नहीं मिला समय: विपक्षी सांसद
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि समिति में शामिल भाजपा सदस्यों ने उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया और रिपोर्ट में की गई सिफारिशें संविधान की भावना के अनुरूप नहीं हैं
सांसदों ने आरोप लगाया कि उन्हें कल शाम (28 जनवरी) 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली और उन्हें इसका अध्ययन करने और सिफारिशें करने का समय ही नहीं मिला।
बता दें कि संयुक्त संसदीय समिति ने आज 16-11 बहुमत से मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। रिपोर्ट कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पेश की जाएगी। विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति जताई है।
क्या बजट सत्र में फिर पेश किया जाएगा वक्फ संशोधन बिल?
विपक्षी के सवालों के बीच समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता जगदम्बिका पाल ने कहा कि समिति द्वारा स्वीकृत कई संशोधनों ने विपक्षी सदस्यों की चिंताओं को दूर किया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून वक्फ बोर्डों को अधिक कुशलता से काम करने में मदद करेगा।
पत्रकारों ने जब जगदम्बिका पाल से पूछा कि क्या विधेयक को आगामी बजट सत्र में संसद में पुन: पेश किया जाएगा तो इसपर उन्होंने कहा कि यह निर्णय अध्यक्ष को करना है।
विपक्ष क्यों कर रहा बिल का विरोध?
बता दें कि समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया है कि प्रस्तावित कानून वक्फ बोर्ड को बर्बाद कर देगा और इसके कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा देगा।
वक्फ संशोधन बिल की खिलाफत करते हुए आईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मैं इस बिल के पक्ष में नहीं हूं। मैं शुरू से कह रहा हूं कि भाजपा मुसलमानों के खिलाफ यह विधेयक लेकर आई है। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों को नुकसान पहुंचाना और मस्जिदों पर कब्जा करना है। जब यह विधेयक संसद में लाया जाएगा, तो हम वहां भी इसका विरोध करेंगे। अगर हिंदू, सिख और ईसाई अपने बोर्ड में अपने धर्म के सदस्य रख सकते हैं, तो मुस्लिम वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकते हैं?"
कानून का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना: नसीर हुसैन
कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि पैनल द्वारा अनुमोदित संशोधन "असंवैधानिक" हैं और आरोप लगाया कि प्रस्तावित कानून का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना है।
उन्होंने कहा, "इस रिपोर्ट में कई आपत्तियों और सुझावों को शामिल नहीं किया गया। सरकार ने अपनी मर्जी के मुताबिक रिपोर्ट बनाई है।"
वहीं, डीएमके सांसद डी राजा ने कहा कि यह बिल पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। पूरी प्रक्रिया एक मजाक बन गई है।" उन्होंने कहा कि डीएमके इस कानून को अदालत में चुनौती देगी।
वक्फ बोर्ड नया प्रस्तावित बिल क्या कहता है?
- नए बिल के अनुसार, जमीन पर दावा करने वाला ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्य कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
- अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
- जब तक किसी ने वक्फ को दान में जमीन नहीं दी हो तब तक वो वक्फ की संपत्ति नहीं हो सकती है।
- वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य धर्म के दो सदस्यों को एंट्री मिलेगी।
- Log in to post comments