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जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 14 दिनों के बाद अपना अनशन तोड़ दिया। उन्होंने पटना में गंगा नदी में डुबकी लगाई और हवन किया। इसके बाद समर्थकों ने उन्हें जूस पिलाया। हालांकि उनका सत्याग्रह अभी भी जारी रहेगा। प्रशांत किशोर बीपीएससी के खिलाफ कथित 70वीं पीटी परीक्षा लीक को लेकर अनशन कर रहे थे। इस मामले में पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर है।

पटना। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर लगातार 15 दिनों से अनशन पर थे। आज 16 जनवरी को उन्होंने गंगा स्नान कर अपना आमरण अनशन तोड़ा, जय बिहार और भारत माता की जय के नारों से पूरा आश्रम गूंज उठा।

प्रशांत किशोर ने मीडिया से संवाद में बताया कि इस आश्रम से आज ही से सत्याग्रह की शुरुआत की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं यही पर रहूंगा। बिहार में जो लोग यहां की व्यवस्था से परेशान है, जो बेहतर व्यवस्था चाहते हैं, बच्चों के लिए पढ़ाई और रोजगार चाहते हैं। वो मेरे साथ जुड़ सकते हैं।

सत्याग्रह का उद्देश्य

उन्होंने यह भी कहा कि यह सत्याग्रह सरकार के खिलाफ सत्य के लिए आग्रह का अभियान है। इसी उद्देश्य के साथ हम हफ्तों तक यहीं रहेंगे और यह संकल्प लिए प्रयास करेंगे कि बिहार के लाखों युवाओं को हम इससे जोड़ें और प्रशिक्षित करें कि बिहार में जाति और उन्माद से ऊपर उठकर अपने बच्चों के भविष्य के लिए यहां आए और हम इस सत्याग्रह की शुरुआत कर रहें हैं।

बता दें कि प्रशांत किशोर के आंदोलन का अगला चरण जन-जागरूकता के उद्देश्य वाला होगा। इसके लिए वे अपने कैंप में चरणवार तरीके से एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे। इसे बिहार सत्याग्रह आंदोलन बताते हुए प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि अब अगले कुछ माह तक वे इसी कैंप में निवास करेंगे।

6 जनवरी को जो हुआ उसमें शामिल किसी भी अधिकारी को नहीं छोड़ा जाएगा: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगले 2 दिन के अंदर में जितने पदाधिकारी बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज में शामिल थे, वह तैयार हो जाएं। हम उन्हें कोर्ट और ह्यूमन राइट्स कमीशन तक लेकर जाएंगे।

आगे उन्होंने कहा गांधी जी की मूर्ति के नीचे से हटाया था। अब हम गंगा जी की गोद में बैठ गए हैं। सरकार हमारी आवाज नहीं दबा सकती है। गांधी जी की मूर्ति से आवाज दबाया गया तो गंगा जी से आवाज निकलेगी।

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