बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दही-चूड़ा पॉलिटिक्स सुर्खियों में है। एनडीए के भीतर तरजीह नहीं मिलने से मायूस और दर-बदर घूम रहे राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के दही-चूड़ा भोज में अपने कई बड़े नेताओं के साथ लालू प्रसाद ने शामिल होकर बिहार का सियासी पारा बढ़ा दिया है।
पटना। वैसे तो मकर संक्रांति का सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व है ही, बिहार में इसका सियासी महत्व भी खूब है। इससे बिहार में कई बार सियासी समीकरण बनते और बिगड़ते रहे हैं, सरकारें भी बदली हैं। इस बार भी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से पहले 'दही-चूड़ा पॉलिटिक्स' सुर्खियां में है।
2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के भीतर तरजीह नहीं मिलने से मायूस और दर-बदर घूम रहे राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Paras) के दही-चूड़ा भोज में अपने कई बड़े नेताओं के साथ लालू प्रसाद ने शामिल होकर बिहार का सियासी पारा बढ़ा दिया है।
साथ ही, पारस की डूबती राजनीतिक नौका का सहारा भी बने हैं। बकौल लालू प्रसाद, पारस हमारे महागठबंधन के हिस्सा होंगे। वहीं, पारस ने भी लालू प्रसाद को अपना अभिभावक बताया है।
NDA में मचेगी खलबली
जाहिर है, इससे एनडीए में खलबली मचेगी। पारस के भतीजे चिराग पासवान की राजनीतिक चुनौतियां बढ़ेंगी। इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पारस के आवास पर लालू प्रसाद जिंदाबाद के खूब लगे नार
लालू प्रसाद अपने बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव के साथ बुधवार को पारस के आवास पर पहुंचे। उस समय पारस के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने लालू प्रसाद जिंदाबाद के खूब नारे लगाये। खुद पारस लालू प्रसाद का स्वागत के लिए आवास के बाहर सड़क पर खड़े रहे।
लालू के साथ कौन-कौन मौजूद रहा?
भोज में लालू प्रसाद के करीबी और राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, जय प्रकाश नारायण यादव, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी महबूब अली केसर, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान समेत अन्य नेता मौजूद थे। लालू प्रसाद यहां बीस मिनट रहे और पारस से बातचीत की
क्या महागठबंधन में आएंगे पारस?
इसके बाद पत्रकारों ने पूछा कि क्या पशुपति कुमार पारस को महागठबंधन में रखिएगा? इस पर लालू यादव ने 'हां' में जवाब दिया। इस मौके पर पारस ने भी कहा- लालू प्रसाद हमारे अभिभावक हैं। लालू प्रसाद पहली बार हमारे आवास पर पहुंचे हैं, हमारी पूरी पार्टी एवं हमारा परिवार उनका पुरजोर स्वागत कर रहा है।
पारस और लालू की जुगलबंदी, खेला होगा?
बता दें कि इससे पहले मंगलवार काे पशुपति पारस अपनी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के साथ लालू यादव से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पहुंचे थे और दही-चूड़ा भोज के लिए उन्हें निमंत्रण दिया था। तब पारस और लालू के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई थी।
पारस और लालू प्रसाद की नई जुगलबंदी से बिहार की सियासत में नया उलटफेर देखने को मिलने की संभावना है। पशुपति पारस देश के बड़े दलित नेता रहे रामविलास पासवान के भाई हैं।
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