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बिहार में नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन अधिग्रहण की दरें तय की जाएंगी। रैयतों को सर्किल रेट से अधिक मुआवजा मिलेगा। उद्यमियों के लिए जमीन अलग दर पर उपलब्ध होगी। वैशाली में 1243.45 एकड़ सीतामढ़ी में 504.52 एकड़ और चनपटिया में 29.30 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा। इसके बाद जमीन को विकसित कर उसकी नयी दर तय होगी।

पटना। नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन अधिग्रहण को ले हाल ही में राज्य कैबिनेट ने तीन जिलों को राशि उपलब्ध करायी है। जमीन अधिग्रहण के लिए सर्किल रेट के अलावा जो अतिरिक्त राशि रैयतों को मिलती है, उसी के तहत अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मिलेगा।

वहीं, उद्यमियों के लिए जमीन किस दर पर उपलब्ध होगी उसके लिए अलग से तय होगी। जिले में जमीन अधिग्रहण के बाद उसे बियाडा को सौंपा जाएगा। बियाडा इस बारे में अधिसूचना जारी करेगा। इसके बाद जमीन को विकसित कर उसकी नयी दर तय होगी।

क्यों पड़ी अतिरिक्त जमीन की जरूरत?

  • बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) के तहत नौ क्लस्टर तथा 84 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। बियाडा के पास 7592.39 एकड़ जमीन थी।
  • अद्यतन स्थति यह है कि बियाडा के पास 1407 एकड़ भूमि आवंटन के लिए शेष है।
  • जिस तरह से नयी औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के प्रस्ताव आ रहे उसे केंद्र में रख यह जरूरी है कि उद्योगों के लिए अतिरिक्त जमीन का इंतजाम किया जाए।

वैशाली में 1243.45 एकड़ जमीन का अधिग्रहण

वैशाली में 1243.45 एकड़ रैयती जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। सरकार ने वैशाली में जमीन अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़, 92 लाख रुपए वैशाली उपलब्ध करा दिए हैं।

जमीन का अधिग्रहण आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के माध्यम से होगा। राज्य कैबिनेट ने इस राशि काे जमीन अधिग्रहण मद में खर्च किए जाने को अपनी अनुमति भी प्रदान कर दी है।

सीतामढ़ी जिले के दो अंचलों में जमीन अधिग्रहण

नयी औद्योगिक इकाईयों के लिए सीतामढ़ी जिले के दो अंचलों में जमीन का अधिग्रहण हाेगा। इनमें सोनबरसा तथा नानपुर अंचल शामिल है। यहां 504.52 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। अधिग्रहण मद में 298.77 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।

चनपटिया में 29.30 एकड़ जमीन का अधिग्रहण

चनपटिया औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए 29.30 एकड़ जमीन का अधिग्रहण को स्वीकृति दी गयी है। यह बाजार समिति परिसर की जमीन है। कृषि विभाग इस जमीन को उद्योग विभाग को हस्तांतरित करेगा।

जमीन अधिग्रहण से जुड़े विवादों के लिए जिला स्तर पर बनेगी समिति

रेलवे एवं एनएच के लिए अधिग्रहीत जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए जिला स्तर पर समिति बनेगी। राजस्व एवं भूमि सुधार के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के निर्णयों के आधार पर भू अर्जन निदेशालय ने आदेश जारी कर दिया है।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि रेलवे एवं एनएच के लिए अर्जित जमीन के मूल्य, दर एवं श्रेणी के निर्धारण को लेकर अक्सर विवाद होता है। रैयत विरोध करते हैं। कुछ मामले मध्यस्थ सह प्रमंडलीय आयुक्त एवं अन्य न्यायालयों में चले जाते हैं। ऐसे में इन परियोजनाओं के लिए अर्जनाधीन जमीन और उसके वर्तमान स्वरूप का निर्धारण एवं दर तय करने के अलावा इससे जुड़े विवादों समाधान के लिए जिला स्तर पर समिति की जरूरत है।

यह समिति पारदर्शी निर्णय लेकर विवादों को समाप्त करेगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन का वर्गीकरण एवं दर निर्धारण में निबंधन विभाग से भी सहयोग की अपेक्षा की है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक का प्रस्ताव दिया गया है।

मुख्य सचिव के स्तर पर आयोजित होनेवाली बैठक में जमीन निबंधन के न्यूनतम मूल्य निर्धारण पर बातचीत होगी। इसमें निबंधन के अलावा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के शीर्ष अधिकारी भी शामिल रहेंगे। इस समय दिसंबर 2017 में अधिसूचित न्यूनतम मूल्य पर जमीन का निबंधन हो रहा है।

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