
भाजपा ने राज्य के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी की डॉक्टरेट की उपाधि पर सवाल उठाए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक फर्जी विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल की है। इस संस्था को किसी भी प्रकार की शैक्षणिक उपाधि प्रदान करने की मान्यता नहीं है। भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
रांची। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी को मिली डॉक्टरेट की उपाधि पर सवाल उठाए हैं। भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने सोमवार को इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेस आयोजित कर आरोप लगाया कि मंत्री हफीजुल अंसारी को मिली डॉक्टरेट की डिग्री एक फर्जी विश्वविद्यालय से प्राप्त की गई है।
उन्होंने कहा कि मंत्री को डॉक्टरेट की मानद उपाधि देने वाली संस्था “भारत वर्चुअल ओपन एजुकेशनल यूनिवर्सिटी” को अपने नाम के साथ विश्वविद्यालय शब्द का प्रयोग करने का भी अधिकार नहीं है। इस संस्था को किसी भी प्रकार की शैक्षणिक उपाधि प्रदान करने की मान्यता ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस फर्जी यूनिवर्सिटी को ना तो यूजीसी, ना ही भारत सरकार और ना ही झारखंड सरकार ने कोई मान्यता दी है।
'...जो शुद्ध रूप से कागजी संस्था है'
अजय साह ने आगे कहा कि हफीजुल अंसारी ने भारतीय संविधान के तहत संचालित मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त नहीं कर पाने के बाद शरीयत कानून का अनुसरण करते हुए ऐसे लोगों द्वारा संचालित एक फर्जी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल कर ली, जो शुद्ध रूप से एक कागजी संस्था है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह संस्था मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा संचालित की जाती है और इसका कोई वैधानिक अस्तित्व नहीं है। साह ने यह भी दावा किया कि यह फर्जी विश्वविद्यालय “सेंट्रल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी, अफ्रीका” से अपनी संबद्धता बताता है, जबकि इस विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. उस्मान को इस्लामाबाद, पाकिस्तान की एक संस्था द्वारा प्रोफेसर की उपाधि प्रदान की गई थी।
'...पूरा नेटवर्क पाकिस्तान से जुड़ा प्रतीत होता है'
उन्होंने कहा कि मंत्री हफीजुल अंसारी की उपाधि का पूरा नेटवर्क पाकिस्तान से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। साह ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री का आचरण यह दर्शाता है कि वह अपने कार्यों और निर्णयों में भारतीय संविधान की अपेक्षा शरीयत कानून को प्राथमिकता देते हैं।
उन्होंने कहा कि जब एक राज्य के मंत्री से संबंधित इस प्रकार के गंभीर सवाल उठते हैं तो यह केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं रह जाता, बल्कि राज्य की प्रतिष्ठा और संवैधानिक मूल्यों का प्रश्न बन जाता है।
अजय साह ने मांग की कि इस पूरे प्रकरण में पाकिस्तान लिंक की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके और अगर कोई कानून का उल्लंघन हुआ हो तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
उधर, झामुमो के नेताओं ने हफीजुल का बचाव करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने कहा कि जिस दल में फर्जी डिग्री वाले नेताओं की भरमार हो, उन्हें अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए। मंत्री हफीजुल पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं
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