
आगरा ब्यूरो चीफ सोनू शर्मा
आगरा में जननी सुरक्षा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक महिला 25 बार मां बनी और पांच बार उसकी नसबंदी की गई। खाते में 45 हजार रुपये का भुगतान हुआ। मामला पकड़ में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
जननी सुरक्षा योजना और नसबंदी में एक ही महिला को 30 बार भुगतान करने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद पहुंचकर जांच के आदेश दिए। महिला के खाते में ढाई वर्ष में 25 बार प्रसव और पांच बार नसबंदी का भुगतान किया गया। जांच में कई और मामलों का भी खुलासा हुआ।
विभाग में हुए वर्ष 2021-22 व 22-23 में जननी सुरक्षा योजना व नसबंदी के तहत कृष्णा पत्नी छोटू निवासी नगला कदम सिकरारा थाना फतेहाबाद को 30 बार भुगतान किया गया है, जिसमें 25 प्रसव व 5 बार नसबंदी का 45 हजार रुपये का भुगतान हुआ। ऐसे एक दर्जन के करीब मामले मिले हैं, जिन्हें एक से अधिक बार भुगतान किया गया है।
ऑडिट में टीम की ओर से मामला पकड़े जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इसको लेकर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद पहुंचे।उन्होंने अधीक्षक सहित अन्य कर्मचारियों के साथ बैठक की। ट्रांसफर किए गए अकाउंट नंबर की डिटेल भी निकलवाई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पूरे प्रकरण को लेकर कर्मचारियों के साथ बैठककर जांच करने के निर्देश दिए हैं। इसमें जांच टीम की ओर से भुगतान हुए बैंक खातों की पूरे डिटेल निकाली जा रही है। इन बैंक खातों में किसके मोबाइल नंबर प्रयोग हो रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है ऐसी कई महिला के खाते हैं, जिनमें कई बार भुगतान हुआ है।
कृष्णा ने बताया कि उसका कई वर्ष पहले गांव के ही एक व्यक्ति ने खाता खुलवाया था। खाते में उसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर लगा हुआ है। उसी ने यह हेरफेर की है। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम उस व्यक्ति की तलाश कर रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 2021 से पहले मैन्युअल काम होता था। उसके बाद सॉफ्टवेयर पर काम शुरू हुआ, जिसमें कई एक एंट्री बार-बार दर्ज हुईं। कृष्णा नाम की महिला को 30 बार भुगतान को लेकर शासन से वाउचर मंगवाए गए हैं। इसकी जांच कराई जा रही है। उसके घर जाकर पता करेंगे कि यह कैसे हुआ है। दोषी पाए जाने पर उससे रिकवरी होगी। उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जो भी कर्मचारी अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। अन्य मामले भी आए हैं। इसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है, जो जांच कर रही है। सात दिन के अंदर वह अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस प्रकरण को लेकर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
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