
झारखंड में विधानसभा सत्र चल रहा है। बजट पर चर्चा के दौरान विधायक हेमलाल मुर्मू ने राज्य में पेसा कानून (PESA Act) लागू करने की मांग की। इस पर मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि वर्ष 2022 में पेसा कानून का ड्राफ्ट लाया गया था। पेसा कानून की नियमावली अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री से विचार विमर्श करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
रांची। विधानसभा सत्र के दौरान ग्रामीण विकास विभाग और वन पर्यावरण विभाग का बजट पारित हो गया। विपक्षी नेता कुशवाहा शशिभूषण का बजट में कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया। सरकार के जवाब के दौरान ही विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया था।
बजट पर चर्चा के दौरान हेमलाल मुर्मू ने राज्य में पेसा कानून लागू करने की मांग की। इस पर मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2022 में पेसा कानून का ड्राफ्ट लाया गया था। सरकार ने इस पर लोगों से आपत्ति मांगी थी। 262 आपत्ति में से 145 सुझावों को शामिल किया गया है।
जल्द लागू होगा पेसा कानून
पेसा कानून की नियमावली अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री से विचार विमर्श करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा और इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुबंध महिला कर्मियों को भी सम्मानजनक राशि उपलब्ध कराएगी
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि विपक्ष के नेता शशिभूषण कुशवाहा ने भी माना है कि पीएम आवास योजना में मिलने वाली 1.20 लाख रुपये की राशि कम है। हाल ही में केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक में भाजपा शासित प्रदेशों के ग्रामीण विकास मंत्रियों ने उक्त राशि को बढ़ाए जाने की मांग की है।
इसको देखते हुए सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य में अबुआ आवास योजना को लाया गया, जिसकी राशि दो लाख रुपये है। इसको लेकर निर्धारित लक्ष्य को अगले साल पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने फिर से 1.36 लाख करोड़ केंद्र पर बकाया होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा इस पर राजनीति कर रही है।
सदन के बाहर चले गए विपक्ष के विधायक
राज्य का मनरेगा, पीएमजेएसवाई सहित अन्य का फंड बकाया है। लेकिन क्या नेता प्रतिपक्ष उक्त पैसे वापस लाने में सरकार की मदद करेंगे। इस पर विधायक नीरा यादव ने हंगामा शुरू कर दिया। उसके बाद विपक्ष के सारे विधायक सदन से बाहर चले गए।
इस पर तंज कसते हुए मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अब तक ढ़ाई बजे तक ही सदन में रहते थे। इस बार उन्होंने रिकॉर्ड साढ़े चार बजे तक सदन में गुजारा है। हेमंत सोरेन ने प्रवासियों को सम्मानजनक तरीके से वापस लाने की व्यवस्था की है।
प्रवासियों को बेड़ियों में बांधकर लाने पर उठाए सवाल
लेकिन केंद्र सरकार प्रवासियों को कैसे बेड़ियों में बांधकर लाने पर चुप है। यह पूरे देश ने देखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जिन योजनाओं में फंड देने का वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया। इस वजह से इस बार की बजट की राशि कम हुई है।
केंद्र सरकार ने वन अधिनियम में ग्रामसभा के अधिकारों को हटा दिया है, ताकि जमीन और जंगल अपने करीबी दाणी और अंबानी सौंप सके। छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है, सभी को पता है। वहां लाखों पेड़ काट दिए गए।
झारखंड में भाजपा का यह षड़यंत्र सफल नहीं हुआ। हम जल जंगल और जमीन को बिकने नहीं देगें। विभाग की रिक्तियों को आने वाले साल में पूरा कर लिया जाएगा। 90 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें 55 प्रतिशत को रोजगार दिया गया है।
पंचायत में ज्ञानपीठ योजना की होगी शुरूआत : दीपिका पांडेय सिंह
बजट पर चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि गांवों को समृद्ध करने से राज्य की उन्नति होगी। पंचायत सचिवालय को सुदृढ़ किया जाएगा। पंचायत में ज्ञानपीठ योजना की शुरूआत की जाएगी।
जिसमें ग्रामीण डिजिटल लेनदेन सहित अन्य नई तकनीक को सीख पाएंगे। विभाग की ओर से 2500 पंचायत में ज्ञानपीठ योजना लागू होगी। पंचायत में कर्मियों की कमी नहीं है। अगर कोई समय से नहीं पहुंचता है, तो विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। वर्ष 2026 तक सभी पंचायतों का डिजिटाइजेशन कर दिया जाएगा।
ओबीसी को नहीं मिला 27 प्रतिशत आरक्षण : शशिभूषण मेहता
विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार की सात गारंटी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा था। लेकिन अभी तक उसे पूरा नहीं किया गया है
राज्य में ओबीसी की कुल आबादी 55 प्रतिशत है, लेकिन अभी तक उन्हें मात्र 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। मेहता ने राज्य में बालू की कमी को लेकर अबुआ आवास नहीं बनने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बालू की कमी की वजह से अबुआ आवास का निर्माण लक्ष्य से पीछे है।
उन्होंने अपने क्षेत्र की सड़कों और पुलों के निर्माण काफी समय से लंबित होने की बात कही। उन्होंने बजट में कटौती प्रस्ताव लाते हुए कहा कि सीएजी रिपोर्ट में कहा जाता है कि सरकार बजट की 30 से 35 प्रतिशत राशि खर्च नहीं कर पाती है।
दस प्रतिशत कम राशि होने पर रद करें टेंडर : हेमलाल मुर्मू
विधानसभा में चर्चा के दौरान विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की सड़कों का निर्माण के टेंडर के दौरान संवेदक 40 प्रतिशत कम राशि पर टेंडर प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे में सड़क की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाता है।
ऐसे में अब ऐसा नियम बनाया जाए कि डीपीआर में निर्धारित राशि से दस प्रतिशत कम होने पर टेंडर को निरस्त कर दिया जाए। उन्होंने पेसा कानून लागू करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि पेसा कानून में सभी कार्यों के लिए ग्रामसभा को अधिकृत किया गया है। प्रधान अपने क्षेत्र के भूमिहीन किसानों को जमीन प्रदान करते थे।
पेसा कानून लागू करने से आदिवासियों को विकास संभव है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को भाजपा वालों ने पहचाना नहीं। पांच माह तक बेवजह जेल में रखा। हेमंत का अर्थ सोना होता है। सोना को जितना जलाया जाता है, वह उतना ही चमकता है। इस बार के चुनाव में विपक्षी पार्टियों को यह समझ में आ गया होगा।
यूरेनियम के खनन से महिलाओं को कई समस्याएं : जयराम महतो
विधानसभा सत्र के दौरान विधायक जयराम महतो ने जादूगोड़ा में यूरेनियम के खनन से महिलाओं को होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जादूगोड़ा की 47 प्रतिशत महिलाओं को मां बनने की प्रक्रिया में दिलचस्पी नहीं है।
उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत महिलाओं का गर्भपात हो जाता है। यह सब यूरेनियम के रेडिएशन से होता है। जादूगोड़ा में यूरेनियम की खनन होता है। उसे हैदराबाद के संस्थान में छड़ बनाया जाता है। फिर उसके अपशिष्ट को जादूगोड़ा में लाया जाता है। यह चिंताजनक है और सरकार को इस कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने मनरेगा में मिलने वाली मजदूरी बढ़ाने की मांग की।
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