नवंबर में देशभर में प्रदूषण बढ़ा 159 शहरों में पीएम 2.5 का स्तर मानक से अधिक रहा था। नवंबर महीने में देश की राजधानी दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर था। नवंबर में पीएम 2.5 की मासिक औसत सांद्रता 249 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया है। ग्रेप लागू होने के बावजूद प्रदूषण कम नहीं हुआ जबकि आइजोल सबसे ज्यादा स्वच्छ शहर रहा।
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए, CREA) द्वारा जारी नवंबर का एयर क्वालिटी स्नैपशॉट देशभर में प्रदूषण बढ़ने की सूचना देता है। 268 में से 159 शहरों में पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के राष्ट्रीय मानक को पार कर गया। सिर्फ एक शहर आइजोल ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के मानक का पालन कर सका।
विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली को देश का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया, जहां नवंबर में पीएम 2.5 की मासिक औसत सांद्रता 249 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। 2017 के बाद से दिल्ली के लिए नवंबर का सबसे उच्चतम प्रदूषण स्तर है। नवंबर का पीएम 2.5 औसत अक्टूबर के 111 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से 2.2 गुना अधिक था।
दिल्ली ने नवंबर में 20 दिन ‘बहुत खराब’ (121-250 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) श्रेणी व 10 दिन ‘गंभीर’ (250 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) श्रेणी में दर्ज किए।
ग्रेप लागू होने पर भी प्रदूषण नहीं हुआ कम
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप, GRAP) लागू होने के बावजूद, डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ने बताया कि दिल्ली के पीएम 2.5 में परिवहन क्षेत्र का योगदान कम से कम 20 प्रतिशत बना रहा। यह उसी अवधि के समान है, जिससे ग्रेप के जमीनी क्रियान्वयन की प्रभावशीलता पर सवाल उठे।
ग्रेप की पाबंदियों, पराली जलाने की घटनाओं में 37,602 की कमी और पराली जलाने से पीएम 2.5 स्तरों में कम योगदान के बावजूद एनसीआर के 28 शहरों ने नवंबर में राष्ट्रीय मानकों की सीमा को पार कर लिया। इन 28 शहरों में से छह शहर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में शामिल थे।
भारत के सबसे प्रदूषित शहर
गाजियाबाद, हाजीपुर, बहादुरगढ़, गुरुग्राम, नोएडा, हापुड़, सोनीपत, बर्नीहाट और भिवानी को क्रमशः दूसरे से दसवें सर्वाधिक प्रदूषित शहरों के रूप में सूचीबद्ध किया गया।
हरियाणा ने भारत के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में चार शहरों का योगदान दिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के तीन शहर और बिहार, असम एवं दिल्ली के एक-एक शहर।
प्रमुख शहरों की स्थिति
चेन्नई और बेंगलुरु को छोड़कर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे अन्य सभी महानगरों ने नवंबर में पीएम 2.5 के राष्ट्रीय मानकों की सीमा को पार कर लिया।
भारत के सबसे स्वच्छ शहर
आइजोल नवंबर 2024 में सबसे स्वच्छ शहर रहा। इसके बाद चामराजनगर, मदिकेरी, तिरुपुर, शिवमोग्गा, तंजावुर, रायचूर, अरियालूर, विजयपुरा और सतना रहे। शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में कर्नाटक के पांच, तमिलनाडु के तीन, मिजोरम और मध्य प्रदेश के एक-एक शहर शामिल हैं।
प्रदूषण निवारण के उपाय
सीआरईए के विश्लेषक मनोज कुमार ने कहा, ‘पराली जलाने की घटनाओं में कमी के बावजूद, वर्ष भर बने रहने वाले स्रोतों के लगातार और बढ़ते योगदान से स्पष्ट होता है कि इसके निवारण के लिए पूरे वर्ष काम होना चाहिए। एयरशेड की रणनीति अपनानी चाहिए और एनसीएपी के ढांचे में एकीकृत करना चाहिए। स्रोत पर ही प्रदूषण कम करने वाले सक्रिय उपाय ग्रेप में शामिल होने चाहिए।’
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