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महाराष्ट्र को पांच दिसंबर को अपना नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा। उम्मीद है कि बुधवार को सस्पेंस भी खत्म हो जाए और सीएम चेहरे का एलान कर दिया जाए। एनसीपी नेता अजित पवार दिल्ली पहुंचे हैं। मंगलवार शाम उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से होने की उम्मीद है। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस मुबंई हैं। मगर कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे पैतृक गांव के बाद अब ठाणे में रुके हैं।

महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बाद भाजपा ने सरकार गठन की कवायद तेज कर दी है। मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। मंच तैयार किया जा रहा है। पांच दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र और भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री इसी मंच से शपथ लेंगे। मगर शपथ कोन लेगा यह तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है। इस बीच सवाल यह उठने लगे हैं कि क्या शिवसेना नाराज है?

भाजपा ने महाराष्ट्र के लिए दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों को नियुक्ति किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को यह जिम्मेदारी दी गई है। बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक सुबह 10 बजे महाराष्ट्र विधान भवन में होगी। बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। यही नेता पांच दिसंबर को आजाद मैदान में शपथ लेगा।

  • शिंदे ने बनाई मुंबई से दूरी: महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई से दूरी बना रखी है। दिल्ली में गृह मंत्री शाह से मुलाकात के बाद वह अपने पैतृक गांव चले गए थे। वहां से लौटने के बाद भी वह ठाणे में रुके हैं। उनका तबीयत ठीक नहीं है। मंगलवार को ठाणे के जुपिटर अस्पताल में एकनाथ शिंदे की नियमित स्वास्थ्य जांच की गई।
  • शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा कि उन्हें कमजोरी, बुखार और गले में संक्रमण है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के बाद सीएम मुंबई स्थित अपने आवास वर्षा लौट आएंगे।
  • दिल्ली में अजित तो मुंबई में फडणवीस: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार नई दिल्ली में हैं। कहा जा रहा है कि सोमवार को मुंबई में होने वाली महायुति की बैठक रद होने के बाद अजित पवार ने दिल्ली का रुख किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चंडीगढ़ में हैं। मंगलवार शाम को अजित पवार उनसे मुलाकात कर सकते हैं। यह दावा महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने किया है। उधर, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस मुंबई में हैं। मुख्यमंत्री की रेस में देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे है।

शपथ ग्रहण स्थल के निरीक्षण पर शिवसेना की आपत्ति

उधर, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शपथ ग्रहण समारोह स्थल का निरीक्षण किया। इस पर शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने नाराजगी जताई। दीपक को इस बात पर आपत्ति है कि इसकी जानकारी सहयोगियों को नहीं दी गई। दीपक केसरकर की प्रतिक्रिया पर तटकर ने कहा कि यह उनकी उचित शिकायत है। आज गठबंधन के सभी नेता एक साथ निरीक्षण करेंगे। एनसीपी से धनंजय मुंडे, अनिल भाईदास पाटिल और हसन मुश्रीफ मौजूद रहेंगे।

 

...तो उचित कद पर अटकी बात?

केसरकर ने कहा, "हमारे नेता ने पहले ही साबित कर दिया है कि कौन सही मायने में शिवसेना का प्रतिनिधित्व करता है। अब यह दिल्ली (भाजपा केंद्रीय नेतृत्व) पर निर्भर है कि वह उनके कद को कैसे बनाए रखे। हम उस निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। सरकार गठन में देरी पर उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा। मगर कई निराधार अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की इस देरी में कोई भूमिका नहीं है। भाजपा की आंतरिक चयन प्रक्रिया उनका मामला है। उन्होंने कलह की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शिंदे नाखुश नहीं हैं और गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है।

भाजपा नेता ने की मुलाकात

सोमवार को भाजपा नेता गिरीश महाजन ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। भाजपा नेता ने कहा कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। शिंदे ने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों पर चर्चा की। मुलाकात के बाद महाजन ने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है।

फडणवीस रेस में सबसे आगे

महाराष्ट्र के दो बार के मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे है। भाजपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि नए मुख्यमंत्री 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आजाद मैदान में शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि भाजपा की सहयोगी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को डिप्टी सीएम का पद मिलेगा।

विधानसभा का गणित समझें

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे अधिक132 सीटों पर जीत हासिल की है। शिवसेना के पास 57 विधायक हैं। अजित पवार की पार्टी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है। 145 बहुमत का आंकड़ा है। भाजपा को पांच निर्दलीय विधायकों का भी साथ मिल चुका है। ऐसे में भाजपा को सरकार बनाने के लिए सिर्फ आठ विधायकों की जरूरत है। भाजपा शिंदे गुट के बिना भी अजित पवार के साथ सरकार बनाने की स्थिति में है।

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