भाजपा को विश्वास है कि ओबीसी और आदिवासी मतदाताओं के समर्थन से वह झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी। पार्टी के विधानसभा प्रभारी और संयोजकों की बैठक में ज्यादातर सीटों पर भाजपा को बढ़त बताई गई। भाजपा नेताओं का आकलन है कि इस बार आदिवासी समाज ने भी भाजपा के लिए वोट किया है। शिवराज सिंह चौहान भी दिल्ली रवाना हो गए हैं।
रांची। भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में हुए वोटिंग पैटर्न को अपने पक्ष में मान कर चल रही है। गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में भाजपा के विधानसभा प्रभारी और संयोजकों की बैठक हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के साथ चर्चा में संयोजकों ने ज्यादातर सीटों पर भाजपा को बढ़त बताई।
भाजपा नेताओं का आकलन है कि ओबीसी के साथ इसबार आदिवासी समाज ने भी भाजपा के लिए वोट किया है। चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ से आदिवासी समाज त्रस्त है।
भाजपा ने इस मुद्दे को जिस तरह से उठाया है वह चुनाव में लोगों को प्रभावित कर रहा है। इसी तरह कोयलांचल में आजसू के साथ की वजह से ओबीसी मतों को रूझान भाजपा की तरफ रहा।
तीन महीने के प्रवास के बाद रांची से विदा हुए शिवराज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई। चुनाव की घोषणा से पहले ही वो रांची प्रवास पर आ गए थे। दिल्ली रवाना होने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में कर्मचारियों, कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
इसके बाद अपने अस्थायी आवास पर प्रमुख लोगों के साथ जलपान किया। रांची में अपने प्रवास को उन्होंने यादगार बताते हुए कहा कि लोगों ने जो प्यार दिया है वह आजीवन याद रहेगा।
एक बजे तक ही पड़ गए थे लगभग आधे मतदाताओं के वोट
झारखंड विधानसभा चुनाव के तहत दूसरे एवं अंतिम चरण की 38 सीटों के सभी मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से ही मतदाताओं की भीड़ उमड़ी। स्थिति यह रही कि पहले दो घंटे में ही 12.71 प्रतिशत वोटिंग होगई थी। अपराह्न एक बजे तो लगभग आधे मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर चुके थे। इस समय तक 47.92 प्रतिशत मतदान हो चुका था। निर्धारित समय सीमा तक 68.45 प्रतिशत वोट पड़े।
सुबह में मतदाताओं के मतदान को लेकर जो उत्साह था, वह शाम पांच बजे तक बना रहा। शुरू में सबसे अधिक मतदान में महेशपुर ने बढ़त बनाई, लेकिन अंत में नाला सबसे टाप पर पहुंच गया। यहां 80.30 प्रतिशत वोट पड़े। ग्रामीण क्षेत्रों से उलट शहरी क्षेत्रों के विधानसभा क्षेत्रों बोकारो, धनबाद और झरिया में शुरू ही मतदान अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में काफी सुस्त रहा।
दूसरी तरफ, इस बार कई विधानसभा क्षेत्रों में रिकॉर्ड मतदान हुआ है। बताते चलें कि पहले चरण की 43 सीटों पर 13 नवंबर को हुए चुनाव में भी पिछले चुनाव की अपेक्षा लगभग तीन प्रतिशत अधिक मतदान हुआ था। बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान हुआ है। पहले चरण में भी लगभग तीन प्रतिशत अधिक वोट पड़े थे।
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