नक्सलियों और एएनएफ के बीच हुई मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली नेताओं में से एक विक्रम गौड़ा को मार गिराया गया। मुठभेड़ के दौरान विक्रम के तीन सहयोगी भागने में सफल रहे। इस नक्सली के ऊपर 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस विभाग ने 10 साल पहले उसके बारे में जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
बेंगलुरु:-कर्नाटक पुलिस ने दक्षिण भारत के सबसे कुख्यात नक्सली नेताओं में से एक विक्रम गौड़ा को उडुपी जिले में एक मुठभेड़ में मार गिराया है। इस दौरान विक्रम के तीन सहयोगी भागने में सफल रहे। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को मीडिया के सामने इसकी घोषणा की।
पांच लाख रुपये का ईनामी बदमाश था गौड़ा
विक्रम पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसके खिलाफ कई राज्यों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। जी परमेश्वर ने कहा कि पुलिस पिछले 20 वर्षों से विक्रम गौड़ा की तलाश कर रही थी और हर बार वह भागने में सफल हो जाता था। पुलिस बल विक्रम गौड़ा की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। उसकी गतिविधियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिलने पर पुलिस ने आपरेशन शुरू किया। इस दौरान काबिनले वन क्षेत्र में विक्रम का पुलिस से सामना हुआ। उसने पुलिस टीम पर फाय¨रग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
मोस्ट वांटेड सूची में था गौड़ा का नाम
पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया विक्रम गौड़ा के खिलाफ कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, वह कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्य पुलिस विभागों की मोस्ट वांटेड सूची में था। उडुपी जिले के हेबरी तालुक के कुडलू नडवालु गांव का रहने वाला विक्रम कर्नाटक में नक्सली आंदोलन का नेतृत्व कर रहा था। पुलिस विभाग ने 10 साल पहले उसके बारे में जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
परमेश्वर ने कहा कि नक्सली गतिविधियों में शामिल लोगों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि पावगड़ा और अन्य स्थानों से कई नक्सलियों ने अपने हथियार डाल दिए हैं और उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए सरकार की ओर से आवश्यक सहायता दी गई है? उन्होंने कहा कि अगर कोई आत्मसमर्पण करना चाहता है तो ये प्रयास अब भी जारी रहेंगे।
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