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अयोध्‍या में दीपोत्सव का मुख्य आयोजन 30 अक्टूबर को होना है। मंगलवार से विशिष्टजनों का आना शुरू हो जाएगा। लगभग 250 वीवीआईपी और चार हजार बाहर के अतिथि होंगे। वीवीआईपी व अतिथियों के चलते करीब-करीब सभी होटल फुल हो चुके हैं। ऐसे में अतिथियों को ठहराने की चुनौती का हल खोजने में प्रशासनिक अमला जोरों से लगा है।

अयोध्या। दीपोत्सव का मुख्य आयोजन 30 अक्टूबर को है। मंगलवार से विशिष्टजनों का आना शुरू हो जाएगा। लगभग 250 वीवीआईपी व चार हजार बाहर के अतिथि होंगे। प्रोटोकॉल के अनुसार, वीवीआईपी के बैठने, भोजन व ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश जिले के प्रभारी मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने दिया है।

वीवीआईपी व अतिथियों के चलते करीब-करीब सभी होटल फुल हो चुके हैं। ऐसे में अतिथियों को ठहराने की चुनौती का हल खोजने में प्रशासनिक अमला लगा है। अधिकारियों की नजर विभागीय गेस्ट हाउसों पर भी है। उनमें अतिथियों को रोकने के लिए उन्हें तैयार रखने का निर्देश संबंधित विभागों को दिया गया है। परिक्रमा आदि के चलते सुरक्षा की दृष्टि से अभी से 14 जोन व 40 सेक्टर बनाये जाने की जानकारी दी गई। इन सबको दृष्टिगत कर तैयारियों को अंतिम रूप संबंधित विभाग देने में लगे हैं।

दीपोत्सव की कमान जिले के प्रभारी मंत्री के हाथ में है। तैयारियों पर वह बारीकी से नजर रखे हैं। विकास कार्यों की कलेक्ट्रेट में हुई समीक्षा बैठक में दीपोत्सव की तैयारियों के बारे में चर्चा हुई। जिले के प्रभारी मंत्री उस बैठक में शामिल रहे।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि गत वर्ष की गेस्ट लिस्ट से आमंत्रण पत्र न भेज कर नए लोगों को आमंत्रण देकर बुलाया जाए। विधायक व भाजपा के जिलाध्यक्ष से आमंत्रण के बारे में चर्चा जरूर कर लें। 40 सर्वजातीय मंदिरों में दीपोत्सव के लिए तेल, दीप, रुई व मोमबत्ती व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के साथ उनको आमंत्रण भी देना है।

पहली बार दीपोत्सव की श्रृंखला में जुड़ेंगे कई ऋषि-मुनियों के आश्रम

इस बार भी दीपोत्सव पर संपूर्ण अयोध्या दीपों की आभा से जगमगाएगी। बड़ी संख्या में देवालयों, ग्राम पंचायतों के अमृत सरोवरों पर भी दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। इस बार सरयू व तमसा तट पर स्थित कई ऋषि-मुनियों के आश्रमों को भी दीपोत्सव की श्रृंखला में सम्मिलित किया गया है।

पर्यटन विभाग की ओर से इन स्थलों पर दीपों व सामग्री की आपूर्ति की जाएगी। यहां संयोजकों की नियुक्ति हो गई है। इन संयोजकों की देखरेख में ही दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। पर्यटन विभाग की ओर से जारी सूची में कई स्थलों का नाम न देख भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल ने शिकायत की व इन स्थानों को दीपोत्सव में शामिल कराने का प्रयास किया। इस पर पर्यटन विभाग ने इन्हें शामिल करने पर मुहर लगा दी।

पांडेय ने बताया कि अब दीपोत्सव के दिन इन स्थलों पर भी दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। इन स्थलों में पूरा का मांडवीधाम भी शामिल है। यह मड़ना में है। गन्ना समिति के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह को यहां की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मया के दलपतपुर में स्थित महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली पर दीप जलाने का दायित्व दान बहादुर सिंह, मया के आलापुर स्थित वाल्मीकि आश्रम पर दीपोत्सव की जिम्मेदारी सत्यनारायण सिंह को सौंपी गई है। मया के पौसरा स्थित पाराशर मुनि के आश्रम पर विनोद दुबे, मया के महबूबगंज स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम पर ध्रुव गुप्त दीपोत्सव की जिम्मेदारी संभालेंगे।

गोसाईगंज के महादेवा घाट पर दीप प्रज्वलन का जिम्मा नगर पंचायत गोसाईंगंज अध्यक्ष विजय लक्ष्मी को दिया गया है। रमपुरवा के देव सरोवर पर सुमित तिवारी दीप प्रज्वलित कराएंगे। पूरा के पुनहद स्थित पुण्य हरि का दायित्व शेषमणि तिवारी को दिया गया है। भाजपा नेता शिवम सिंह को गौराघाट, आलोक मिश्र को मां कामाख्या देवी मंदिर व शैलेंद्र पांडेय को विशुन बाबा धार्मिक स्थल पर दीपोत्सव मनाने का जिम्मा दिया गया है।

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