उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में वीआईपी के नाम पर नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। मंदिर में एक बार फिर नियमों को तोड़ने का मामला सामने आया है। इस बार आरोप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे पर लगे हैं। उधर मंदिर प्रशासक ने जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। पुजारियों को छोड़कर मंदिर के गर्भगृह में कोई और नहीं जा सकता है।
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में नियम तोड़ने का मामला सामने आया है। आरोप है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और चार अन्य लोगों ने गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। मगर मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना करने की अनुमति किसी को नहीं है। पिछले साल मंदिर प्रशासन ने यह प्रतिबंध लगाया था। मगर समय-समय पर वीआईपी के नाम पर इन नियमों को दरकिनार किया जाता है।
जानकारी के मुताबिक शाम साढ़े पांच बजे एकनाथ शिंदे के बेटे एवं महाराष्ट्र के कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे अपनी पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे। सभी ने यहां लगभग छह मिनट तक पूजा अर्चना की।
खास बात यह है कि मंदिर के सुरक्षा प्रभारी जयंत राठौर और गर्भगृह निरीक्षक उनके साथ मौजूद रहे। बता दें कि पिछले साल पुजारियों को छोड़कर बाकी सभी लोगों के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। बावजूद इसके नियम तोड़ने का सिलसिला जारी है।
विधायक ने जाहिर की नाराजगी
कलेक्टर एवं महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष ने कहा कि किसी को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है। उधर, प्रशासक गणेश धाकड़ ने कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि गर्भगृह निरीक्षक और अन्य दोषियों पर एक्शन लिया जाएगा। इस बीच तराना से विधायक महेश परमार ने भी गर्भगृह में वीआईपी प्रवेश पर अपनी नाराजगी जाहिर की।
मंदिर की सुरक्षा में तैनात होंगे 500 जवान
मंदिर के नियम के मुताबिक श्रद्धालुओं 50 फुट की दूरी से भगवान के दर्शन कर सकते हैं। गर्भगृह में पुजारियों के अलावा कोई और नहीं जा सकता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुछ दिन पहले ही महाकाल मंदिर और महालोक की सुरक्षा में होमगार्ड जवानों को तैनात करने का एलान किया था। जल्द 500 होमगार्ड जवानों की भर्ती होगी। गुरुवार को होमगार्ड और एसडीईआरएफ के डीआईजी मनीष अग्रवाल उज्जैन पहुंचे थे। यहां उन्होंने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
सुरक्षा कर्मियों को दी जाएगी ट्रेनिंग
मौजूदा समय में महाकाल मंदिर की सुरक्षा में तैनात जवानों को 10 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका निर्देश डीआईजी ने दिया। ट्रेनिंग में सुरक्षाकर्मियों को भक्तों से सम्मान और विनम्रतापूर्वक बात करना सिखाया जाएगा। मंदिर के आसपास रूट मैप भी लगाने का निर्देश दिया गया है, ताकि श्रद्धालु बिना भटके आसानी से दर्शन कर सकें।
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