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नोएडा न्यूज़ अब गंभीर बीमारी या आपात स्थिति में प्लाज्मा व प्लेटलेट्स के लिए जेब ढीली नहीं करने पड़ेगी। दरअसल नोएडा के जिला अस्पतालों में नई सुविधा शुरू होने जा रही है। इसके लिए लखनऊ से मंजूरी भी मिल गई है। उम्मीद है कि दिवाली से पहले अस्पताल प्रबंधन को लाइसेंस मिल सकता है। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में राजकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अब गंभीर बीमारी या आपात समय में प्लाज्मा व प्लेटलेट्स के लिए जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी। जिला अस्पताल में ही गर्भवती महिलाओं समेत अन्य मरीजों के लिए अतिरिक्त ब्लड कंपोनेंट बनाने की सुविधा शुरू होने वाली है। इस सुविधा के शुरू होने से लोगों को काफी फायदा मिलेगा।

लखनऊ से लगभग मिल गई मंजूरी

कई महीनों की कवायद के बाद लखनऊ Lucknow स्थित औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी कार्यालय से लगभग मंजूरी मिल गई है। नई दिल्ली में फूड एवं ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन के केंद्रीय महाऔषधि नियंत्रक (भारत) को लाइसेंस के लिए पत्र भेजा गया है। दिवाली से पहले अस्पताल प्रबंधन को लाइसेंस मिलने की उम्मीद है

प्लाज्मा और प्लेटलेट्स अलग करके देने की सुविधा नहीं

रक्त केंद्र के प्रभारी डा. एचएम लवानिया ने बताया कि जिला अस्पताल या राजकीय जिला संयुक्त अस्पताल में भर्ती मरीजों को जरूरत के हिसाब से रक्त निशुल्क दिया जाता है। मगर अस्पताल में मरीजों के लिए प्लाज्मा और प्लेटलेट्स अलग करके देने की सुविधा नहीं है। ऐसे में इन मरीजों के तीमारदारों को आपात समय में निजी अस्पताल या केंद्रों में जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ती है। अब जल्द ही यहां पर प्लेटलेट्स और प्लाज्मा अलग से देने की सुविधा होने जा रही है।

औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने किया था निरीक्षण

फरवरी माह में सीडीएसओ नार्थ जोन, गाजियाबाद के औषधि निरीक्षक प्रमोद कुमार और गौतमबुद्धनगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने निरीक्षण किया था। दोनों ने केंद्र को अतिरिक्त ब्लड कंपोनेंट की प्रक्रिया बनाने की अनुमति के लिए संस्तुति की थी। उसके बाद 30 अगस्त को औषधि निरीक्षक जय सिंह ने भी निरीक्षण के दौरान इन कमियों को दूर करने के लिए सत्यापन आख्या प्रस्तुत की।

निजी अस्पतालों के भर्ती मरीजों को देना होगा शुल्क

ब्लड बैंक Blood Bank के इंचार्ज का कहना है कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को राजकीय केंद्रों से खून देने से पहले 1100 रुपये शुल्क लिया जाता है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों के मरीजों को छोड़कर निजी अस्पताल या नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को जिला अस्पताल से प्लाज्मा व प्लेटलेट्स की जरूरत होगी तो उन्हें उसका शुल्क चुकाना होगा। हालांकि, अभी इसकी दरें तय नहीं हैं। लाइसेंस मिलने के बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर दरें तय कर उन्हें लागू कर दिया जाएगा।