हाथरस में सड़क सुरक्षा अभियान महज खानापूर्ति बनकर रह गया है। जिले में जर्जर और अवैध वाहन सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं। सिस्टम की लापरवाही के चलते आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। हाल ही में जैतपुर में हुए हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। इस हादसे ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हाथरस। यातायात माह खत्म हुए चंद दिन हुए हैं। लोगों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाकर खानापूर्ति की गई, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम ही नहीं हुआ। जर्जर व डग्गेमार वाहन सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं।
सिस्टम की लापरवाही जैतपुर के सड़क हादसे में सात मौतों की वजह बन गई। यह मैजिक लोडर दो थाना क्षेत्र, एसपी और एआरटीओ कार्यालय के सामने से गुजरा, लेकिन इसे कहीं किसी ने भी नहीं रोका।
सड़क हादसों को रोकने, यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल पुलिस की ओर से यातायात माह का आयोजन किया जाता है। परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाता है। इनमें सड़क हादसों को रोकने के लिए आवश्यक जागरूकता कार्यक्रमों के साथ चेकिंग भी की जाती है
सड़क सुरक्षा अभियान सिर्फ कागजों तक ही सीमित
जिले में यह अभियान मात्र कागजों में सिमटकर या फिर खानापूर्ति तक रह जाते हैं। मथुरा-बरेली मार्ग पर दिन ही नहीं, रात में भी सबसे अधिक टैंकर व बड़े वाहन दौड़ते हैं। इनमें सबसे अधिक डग्गेमार वाहन शामिल होते हैं। यही वाहन दुर्घटनाओं का सर्वाधिक कारण बनते हैं। हादसों को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम संबंधित विभागों द्वारा नहीं उठाया जाता है। यह हम नहीं कह रहे, जिले में एक के बाद एक हो रहे सड़क हादसों को देखकर लोगों की जुबान पर यह सवाल है।
हादसे में सात लोगों की चली गई थी जान
मंगलवार को सिकंदराराऊ रोड पर जैतपुर के निकट हुए हादसे से जिले के लोग एक बार फिर सहम गए। चंदपा के गांव कुम्हरई के 11 लोग कोतवाली सदर के पास तालाब चौराहे से जर्जर मैजिक में बैठे। चालक ने 10 और सवारियों को बैठाया। यह डग्गेमार वाहन तालाब चौराहा, सासनी गेट, बिजली काटन मिल चौराहे पर यातायात पुलिस के सामने से गुजरा।
इसके बाद पुलिस अधीक्षक व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से निकला। इसके बाद हाथरस जंक्शन थाने के सामने से भी गुजरा। इसे कहीं किसी ने नहीं रोका। यह इस बात का संकेत है कि यहां डग्गेमार वाहन पुलिस और परिवहन विभाग की सहमति से चलाए जा रहे हैं।
थानों के सामने से सरेआम डग्गेमारी
जिले में डग्गेमारी जमकर हो रही है। डग्गेमार वाहन शहर में कोतवाली सदर के सामने ओवरब्रिज, तालाब चौराहा से सवारी भरते हैं। यहां से आगरा, मथुरा, सिकंदराराऊ के लिए टेम्पो, मैजिक सहित अन्य वाहन खुलेआम डग्गेमारी कर रहे हैं।
इनमें निर्धारित सीट से चार गुना अधिक सवारी ठूंसकर ढोये जा रहे हैं। सासनी, सिकंदराराऊ, सादाबाद सहित सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस के संरक्षण में डग्गेमारी खूब फल-फल रही है। सब कुछ सिस्टम की सेटिंग से हो रहा है।
फिटनेस और बीमा नहीं, फिर कैसे दौड़ रहे हैं अवैध वाहन
जिले में डग्गेमारी अधिकतर जर्जर व अवैध वाहनों से हो रही है। इनमें अधिकतर वाहन तो ऐसे हैं, जो जर्जर व खस्ताहाल हैं। इन वाहनों के मालिकों के पास फिटनेस, बीमा तो दूर चलाने वाले चालक के पास निर्धारित ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं होता है।
सात सीटर वाले मैजिक में 25, तीन सीटर टेम्पो में 20 सवारी तक ठूंसकर डग्गेमारी की जा रही है। इनकी छत, खिड़की व पीछे लटककर सवारियां ढोई जा रही हैं। ये वाहन सीधे-सीधे मौत के दूत बनकर पुलिस व परिवहन अधिकारियों के सामने से खुलेआम दौड़ रहे हैं
प्रमुख तथ्य-
- जिले में जर्जर व अवैध टेंपो की संख्या- 1000
- जर्जर व अवैध मैजिक की संख्या- 500
एआरटीओ प्रशासन लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि वाहनों की समय-समय पर चेकिंग की जाती है। अवैध वाहनों के चालान काटकर बंद कराया जाता है। सड़क सुरक्षा को लेकर वाहन चालकों व राहगीरों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाता है।
कंटेनर और मैजिक में हुई थी टक्कर
बता दें कि 10 दिसंबर को बरेली-मथुरा मार्ग पर गांव जैतपुर के निकट कंटेनर ने मैजिक (पिकअप लोडर) में टक्कर मार दी थी। हादसे में मैजिक में सवार सात सवारियों की मृत्यु हो गई थी, जबकि कई लोग गंभीर घायल हो गए। सभी मैजिक सवार कैंसर पीड़ित बुजुर्ग को एटा देखने के लिए जा रहे थे। जिनकी मृत्यु हुई, उसमें तीन महिलाएं, तीन पुरुष और एक ढाई महीने का बच्चा भी है।
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