
लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में भी वैसा ही प्रदर्शन दोहराने की तैयारी कर रही है लेकिन चुनाव की घोषणा से पहले ही आलाकमान की सिरदर्दी बढ़ने लगी है। गौरतलब है कि गठबंधन में होने की वजह से कांग्रेस के पास पहले से ही सीमित सीटें हैं ऐसे में दावेदारों की बड़ी संख्या से पार्टी के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट दावेदारों की बढ़ती फौज ने पार्टी को जहां एक ओर उत्साहित कर दिया है, वहीं दूसरी ओर इसे चुनौतियों की दस्तक भी माना जा रहा है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी नहीं हुआ है, मगर अनुमान लगाया जा रहा कि कांग्रेस करीब 110 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि पार्टी के टिकट दावेदारों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और अब तक करीब 2000 लोगों ने महाराष्ट्र में कांग्रेस का टिकट पाने के लिए आवेदन कर दिया है।
विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र से आवेदकों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा है, जहां पार्टी ने बीते लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। टिकट बंटवारे की प्रक्रिया के तहत कांग्रेस इन आवेदनों में से ही अपने उम्मीदवारों का चयन करेगी। हरियाणा चुनाव में उम्मीदों के रथ पर सवार कांग्रेस को महाराष्ट्र में बदलाव की आस है और इसलिए पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी का हरियाणा का चुनाव प्रचार थमने के अगले ही दिन शुक्रवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जाना सूबे के चुनाव के लिए कांग्रेस की इसी राजनीतिक तत्परता का प्रमाण है।
कुछ ही दिनों होनी है चुनाव की घोषणा
झारखंड के साथ महाराष्ट्र के चुनाव की घोषणा अगले कुछ दिनों में होनी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि टिकट के लिए 2000 के करीब आवेदन महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस इकाई को मिल चुके हैं। टिकट के लिए गंभीर दावेदारों के ही आवेदन करने की रणनीति के तहत बायोडाटा के साथ आवेदन राशि मांगी गई है। सामान्य श्रेणी के आवेदकों के लिए 20000 रुपए तो एससी-एसटी वर्ग के लिए 10000 रुपए आवेदन के साथ पार्टी कोष में देना है।
आक्रामक चुनाव रणनीति की तैयारी
हरियाणा में भी कांग्रेस के टिकट के लिए इस बार आवेदनों की बाढ़ थी और 2500 से अधिक लोगों ने उम्मीदवार बनने के लिए औपचारिक आवेदन किया था। महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 13 लोकसभा सीटें जीतकर न केवल सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि लंबे अर्से बाद सूबे में लोकसभा सीटें जीतने के मामले में पहले नंबर पर रही और निर्दलीय जीते एक सांसद ने भी कांग्रेस का समर्थन कर दिया। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगी दल महाराष्ट्र में राजनीतिक बदलाव की उम्मीद के साथ आक्रामक चुनावी तैयारियों को सिरे चढ़ाने में जुटे हैं।
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